
मिथिलेश कुमार
कुटुंबा(औरंगाबाद) प्रखंड प्रमुख सह प्रदेश उपाध्यक्ष जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ धर्मेंद्र कुमार ने भाजपा के द्वारा नगर निकाय चुनाव वोटिंग से चार दिन पहले स्थगित किए जाने पर अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विरोधी बताया है। उन्होंने इस पर भाजपा की गहरी साजिश बताया है जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार नगर निकाय चुनाव में जिला प्रशासन यथा उम्मीदवारों के द्वारा मतदान को लेकर सारी तैयारी पूरी की जा चुकी थी।
जिसमें चार दीन बाद ही मतदान पड़ना था। ऐसे समय में चुनाव को स्थगित किया जाना काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है जिसका हम सभी अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग घोर निंदा करते हैं। यह पूरा घटनाक्रम यह दर्शाता है की केंद्र मे बैठी भाजपा की सरकार इन वर्ग समुदाय को सिर्फ छलने का कार्य करती है। तभी तो नगर निकाय चुनाव को वोट के चार दिन पहले साजिश के तहत हाई कोर्ट के माध्यम से भाजपा के द्वारा स्थगित करवा दिया गया जिसका सबक आने वाले दिन में हम सभी उन्हें सबक सिखाएंगे।
शुरू से ही इन वर्गों को छलने का कार्य किया जाता रहा है। ऐसे में आखिर भाजपा सरकार जातिगत जनगणना से क्यों भागती हैं। भाजपा को पता है कि जातीय जनगणना अगर होता है तो इन वर्ग समुदाय के लोगों की भागीदारी के आधार पर आरक्षण के रूप मे उनका उचित हक देना पड़ेगा। साजिश के तहत ही आज तक केंद्र सरकार के द्वारा अतिपिछड़ों को विधानसभा एवं लोकसभा के सीटों पर आरक्षण नहीं दिया गया है। क्योंकि उन्हें डर हैं कि ऐसा करने से अति यह वर्ग कहीं जाग न जाय और अपना हक़ व अधिकार न मांगने लग जाय। यह सारी साजिश भाजपा पार्टी की ही है। नगर निकाय चुनाव मे अगर रोक ही लगाना था तो समय रहते क्यों नहीं रोक लगाया गया।
इस साजिश व इस समाज के साथ सौतेला व्यवहार का जवाब भाजपा को आने वाले चुनाव में जरूर दिया जायेगा। जल्द ही इस साजिश के खिलाफ हम इन सभी वर्ग समुदाय के लोगों के साथ सड़कों पर उतर कर इनकी दोहरी नीति का पर्दाफाश करेंगे। आजतक इन वर्गों के वोट पर राज करने वाली यह पार्टी हमें ही आंख दिखाती है और पीठ मे छुरा घोंपने का काम करती है। जो की अब नहीं चलने वाला हैं। अब यह समाज के लोग जाग चुके हैं।















