औरंगाबाद। किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने कड़े फैसले लेते हुए दो बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगाने का आदेश पुलिस अधीक्षक एवं कोषागार पदाधिकारी को दिया है।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि नगर थाना कांड संख्या 171/18 में कांड दैनिकी एवं न्याय निर्णय पत्र अब तक अप्राप्त रहने के कारण पुलिस अवर निरीक्षक शिशुपाल के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। मामले में दस्तावेज की मांग दिनांक 07.07.22 एवं दिनांक 29.07.22 को की गई थी।
वहीं दूसरी वाद नवीनगर थाना कांड संख्या 95/22 में प्राथमिकी दिनांक 21.03.22 को दर्ज किया गया था जिसमें अब तक कांड दैनिकी एवं आरोप पत्र दाखिल नहीं करने पर पुलिस अवर निरीक्षक दिनेश पासवान के वेतन पर रोकने का आदेश पुलिस अधीक्षक एवं कोषागार पदाधिकारी को दिया गया है।
इसी वाद में लापरवाही व कर्त्तव्यहिनता पर दिनेश पासवान एवं शैलेन्द्र कुमार पर उचित कार्रवाई कर दिनांक 29.09.22 तक प्रतिवेदन प्रस्तुत कराने का आदेश पुलिस अधीक्षक को दिया गया है।
वहीं तिसरे मामले में जम्होर थाना कांड संख्या 237/22 में अनुसंधानकर्ता को शौकोज किया गया है जिसमें बताया गया कि आप प्राथमिकी के 24 घंटे के अंदर आरोपी किशोर को प्रस्तुत नहीं किया और समय पर समाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया। दिनांक 27.09.22 को लापरवाही के कारण सहित ज़वाब दाखिल करें। इसके अलावा चोथे मामले में उम्र निर्धारण में विलंब होने पर अधीक्षिका उत्तर रक्षा गृह गयघाट पटना पर शोकोज किया गया है जिन्हें दिनांक 29.08.22 एवं 05.09.22 को स्मारपत्र भेजा गया था। अधिवक्ता ने बताया कि उम्र निर्धारण परिक्षा के आदेश के 15 दिनों के भीतर उम्र निर्धारित किया जाता हैं।