औरंगाबाद। बेहतर कमाई के लिए मशरूम की खेती एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए लंबे-चौड़े खेत की जरूरत नहीं बल्कि एक कमरा ही काफी रहता है। कम जगह और कम लागत के बाद भी किसानों को कुल खर्च का तीन गुना तक इनकम होती है। यह उक्त बातें जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कहीं है।
उन्होंने कहा कि स्वरोजगार की कोई कमी नहीं है बशर्ते इच्छुक लोगों को अपनी रूचि के अनुसार प्रयास करने की आवश्यकता है। आज मशरूम हमारी आवश्यकताओं में शामिल है। तकनीकी जानकारी लेकर किसान स्वयं इसका उत्पादन कर सकते हैं। इसके लिए इच्छुक किसानों को कृषि विभाग आत्मा के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है।
इसका केवल सब्जी ही नहीं बल्कि मशरूम से विभिन्न उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं जिसको लेकर स्वरोजगार की काफी संभावनाएं हैं। शुरुआत में छोटे स्तर पर ही शुरुआत करें। इसकी खपत की कमी नहीं है। भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर मशरूम की व्यवसायिक खेती करना किसानों के लिए लाभकारी है। खासकर जो किसान कम पढ़े लिखे एवं भूमिहीन हैं उनके लिए जीविकोपार्जन का यह उत्तम साधन है।