औरंगाबाद। किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 27/21 में सुनवाई करते हुए अनुसंधानकर्ता संतोष कुमार एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार मेहता के वेतन पर रोक लगाने का आदेश आरक्षी अधीक्षक औरंगाबाद एवं कोषागार पदाधिकारी औरंगाबाद को दिया हैं।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि दिनांक 15.02.21 को केस दर्ज किया गया था। कानून के अनुसार छोटे व गंभीर अपराध के मामलों में दो माह के भीतर वाद दैनिकी एवं आरोप पत्र दाखिल करना आवश्यक होता है।
जबकि मामले में नियम का पालन नहीं किया गया। इस संबंध में दिनांक 16.07.22 को भी सूचना भेजी गई थी किंतु आज तक किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद में बहुप्रतीक्षित दस्तावेज दाखिल नहीं किया गया। जो न्यायिक आदेश की अवमानना है। इस कारण वाद प्रक्रिया लंबित है। अंततः विवश होकर किशोर न्याय परिषद ने वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।