औरंगाबाद। कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस में आयोजित भूमि समतलीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण का कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा ई. रविरंजन कुमार, डॉ अनुप कुमार चौबे, दिनेश कुमार ने संयुक्तरूप ने किया। यह प्रशिक्षण प्रसार कृषि पदाधिकारी के लिए आयोजित किया गया जिसमें प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, बीटीएम, एटीएम एवं किसान सलाहकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा ने कहा की फसल उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भूमि का समतलीकरण होना अतिआवश्यक है। साथ ही कहा कि लेजर लैंड लेबलर मशीन से प्रत्येक पंचायत मे कम से कम एक एकड़ खेत का प्रत्यक्षण कर किसानों को इससे होने वाले लाभों के बारे मे जानकारी दी जाएं जिससे किसान इसे आने वाले समय मे अधिक से अधिक क्षेत्रों मे भूमि का समतलीकरण कराए एवं फसल उत्पादकता को बढ़ाए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ई. रविरंजन कुमार ने लेजर लैंड लेबलर मशीन के परिचालन का चलंत प्रत्यक्षण आएं हुए प्रसार कृषि पदाधिकारी के सामने किया एवं मशीन के कार्य प्रणाली को विस्तृत रूप से बताया। डॉ अनूप कुमार चौबे ने संरक्षित खेती के खेत की सतह की न्यूनतम जुताई, स्थायी रूप से मृदा सतह पर फसल अवशेष बनाये रखना, टिकाऊ तथा लाभदायक फसल प्रणाली बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की भूमि समतलीकरण किए बिना खेती मे नई तकनीकी का प्रयोग करना असंभव है। साथ ही संरक्षित खेती में किस तरह से लागत को कम करके किसान अपनी आमदनी मे बढ़ोत्तरी कर सकते है और मृदा के उर्वरता एवं उत्पादकता को भी बढ़ा सकते है। डॉ संगीत मेहता ने उधानिकी फसलों मे भूमि संमतलीकरण से होने वाले लाभों के बारे मे विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन दिनेश कुमार ने किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ सुनीता कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम मे 230 कृषि प्रसार पदाधिकारी एवं किसानों ने भाग लिया तथा इस मौके पर केन्द्र के गणेश प्रसाद, कृशलय प्रभाकर, अरविन्द कुमार, राकेश कुमार, सीआरएपी के हरेराम, रणधीर सिंह, सहित सभी कर्मचारी उपस्थित रहें।
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