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दिव्यांग बच्चों को मिले बेहतर देखभाल व गुणवत्ता युक्त शिक्षा, सेवा प्राधिकार ने की पहल : सचिव

औरंगाबाद। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के सचिव प्रणव शंकर द्वारा वैसे बच्चें जो दिव्यांग हैं, और उनकी पहचान जिले में अब तक नहीं हो पाने के कारण कई सुविधाओं से वंचित है, साथ ही जिनकी पहचान है परंतु उन्हें उनके लिए प्रदत्त सुविधाओं का विशेष लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। उनके लिए प्रभारी मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान गार्गी कुमारी के साथ प्राधिकार के प्रकोष्ठ में एक बैठक का आयोजन किया गया।

इस दौरान उपरोक्त से संबंधित कई कार्य योजनाओं पर चर्चा की गयी जिसके अंतर्गत जिले में गांवों में शिविर के माध्यम से वैसे बच्चों का पहचान तथा उन्हें दिव्यांगता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने की कार्रवाई करने उनकी शैक्षणिक स्तर के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर शिक्षा को बेहतर करना तथा विद्यालयों में दिव्यांगों बच्चों के लिए विशेष मूलभूत सुविधाओं का विकास करना साथ ही प्रत्येक विद्यालय में दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उन्हें दिव्यांगता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने तथा उन्हें सरकार के स्तर से कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ उन्हें अन्य बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता आयोजित करना, दिव्यांग बच्चों को चिन्ह्ति करते हुए विद्यालय तक लाना, जैसे कार्यकम को जिले भर में चलाने का निर्देश दिया गया साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए विधिक सेवा योजना, 2021 से सम्बन्धित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार से प्राप्त विस्तृत दिशा-निर्देष की प्रति उपस्थित पदाधिकारियों को दी गयी जिससे कि उन्हें कार्य योजना बनाने एवं लागू एवं करने में सहायता मिल सके।

सचिव ने बताया कि दिव्यांग बच्चे भी देश के धरोहर हैं, और वे भी किसी से कम अपने-आपको नहीं समझें, कानूनी रूप से भी उन्हें सभी समान अधिकार प्राप्त है साथ ही देश और विदेशो में कई ऐसे उदाहरण है जो यह बताते हैं कि दिव्यांग बच्चो पर अगर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए तो वे भी हर क्षेत्र में न सिर्फ दिव्यांगो के लिए बल्कि आम मनुष्य के लिए आदर्श बनते हैं।

समाज को भी उनके प्रति अपनी रवैया को बदलने की जरूरत है और उन्हें समान नागरिक की तरह ही व्यवहार करने की जरूरत है। सचिव ने यह भी कहा कि किसी दिव्यांग को कोई भी समस्या हो और उन्हें किसी प्रकार के अधिकार से वंचित किया गया है तो प्राधिकार में किसी भी स्तर यथा कार्यालय में अपना आवेदन देकर, सोसल नेटवर्क सें या अपने निकट के पोस्ट आफिस से सम्पर्क स्थापित कर प्राधिकार तक अपनी समस्या निःशुल्क पहुचा सकते हैं, जिससे की उनकी समस्याओं का निदान संभव हो पाए।

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