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उर्दू भाषा के विकास पर आयोजित किया गया सेमिनार व मुशायरा 

पब्लिक पुस्तक “जहाने उर्दू 2021” का किया गया विमोचन

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। उर्दू भाषा के विकास संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जिला उर्दू भाषा कोषांग औरंगाबाद द्वारा नगर भवन में भाषण प्रतियोगिता, सेमिनार व मुशायरा का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर डीएम सौरभ जोरवाल, अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी विजयंत, राज्य कर उप आयुक्त नरेश कुमार एवं उप निर्वाचन पदाधिकारी डॉ जावेद इकबाल ने संयुक्त रूप से विधिवत किया। इस दौरान उर्दू भाषा के विकास के लिए पब्लिक पुस्तक “जहाने उर्दू 2021” का विमोचन किया गया।

पुस्तक के अवलोकन के बाद डीएम ने इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए उर्दू भाषा कोषांग की सराहना की। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के रचनात्मक कार्य करने पर बल दिया, ताकि उर्दू भाषी रचनाकारों को एक मंच मिले। वहीं उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य हिन्दी के साथ- साथ उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए भाषण प्रतियोगिता, सेमिनार व मुशायरा का आयोजन किया गया। साथ ही हमारी प्रयास होगा की इस भाषा को अपनाते हुए इसे एक नयी उंचाईयों पर ले जाने को प्रेरित तथा प्रयासरत होंगे।

सदर अनुमंडल पदाधिकारी विजयंत ने कहा कि उर्दू बिहार की दूसरी सरकारी भाषा है। सरकार इस भाषा के उत्थान और प्रचार- प्रसार के लिए संकल्पित है। यह एक ऐसी भाषा है, जिसकी कम शब्दों में गहराई भरी बात कह जाना खासियत है। कहा कि इंकलाब-जिदाबाद का दो शब्द हमारे देश के आजादी के दीवानें को जोश और जुनून भर देता था। इंकलाब को किसी अन्य भाषा में प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है।

राज्य कर उप आयुक्त नरेश कुमार ने कहा कि भाषाई विविधता की दृष्टि से भारत एक अनूठा देश है, जिसमें अनेक भाषाएं और बोलियां प्रचलित हैं जो देश की सबसे प्रमुख विशेषता है। उर्दू सभी समुदायों की भाषा है और इसे किसी एक समुदाय से जोड़ना ठीक नहीं है। उर्दू किसी एक की नहीं, बल्कि सबकी भाषा है।
श्री कुमार ने कहा कि मैं मानव विज्ञान का विधार्थी रहा हूं। इसमें भाषाई मानव शास्त्र एक विषय है जिसमें मानव विज्ञान का मतलब होता है जो विशुद्ध रूप से बिना किसी भेदभाव के मानव को एक वैज्ञानिक दृष्टि से पढ़ता है। किसी भी एक भाषा से संस्कृति व सभ्यता को समझने की सिद्दत व ताकत मिलती है। वह भाषाई मानव विज्ञान से मिलती है। हिंदुस्तान एक बाग- बगिया हैं, यहां हिंदी, उर्दू, सभी तहजीब, सभी भाषाएं, सभी जवान खिलाएंगे, तो मेरा हिंदुस्तान मेरा गुलशन तो, बहुत ही खूबसूरत और सुंदर नजर आएगा। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोंगों को उर्दू भाषा के विकास में जवाबदेही बढ़ जाती है।

इस पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन यूसुफ जमील ने किया। धन्यवाद ज्ञापन उप निर्वाचन पदाधिकारी ने किया। इस दौरान मोहम्मद रियाजुद्दीन, शमीम अहसन, नूरजमा खान, रिजवानुल हक खां, राजा आलम, साजिद अली, सुमैया नसीम, शिक्षक मोहम्मद रियाज, निर्वाचन सेल से राजकुमार प्रसाद गुप्ता, सैयद मोहम्मद दायम, कुंदन कुमार ठाकुर, श्रवण कुमार, नदीम अख्तर सहित कई अन्य मौजूद रहे।

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