मिथिलेश कुमार
कुटुंबा (औरंगाबाद) प्रखंड क्षेत्र में भ्रष्टाचार के प्रकाष्ठा की कहानी गढ़ रहा है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि आए दिन मनरेगा में अनियमितता के नए- नए खुलासे होते रहते हैं। लेकिन विभागीय स्तर पर सख्त कार्रवाई ना होने से भ्रष्टाचारियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। ऐसा ही एक मामला पंचायत भरौंधा में अनियमितता का मामला सामने आया है।
जहां केवल कागजों पर योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। वहीं फर्जी तरीके से पैसों की निकासी की जा रही है। इस मामले में सिमरा गांव निवासी नीतीश यादव ने कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार शैलेंद्र को आवेदन देकर योजनाओं की जांच एवं दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वार्ड संख्या 8,9 एवं 14 में सिमरा से आहर तक , ग्राम सिमरा से मनसारा तक तथा पितंबर बिगहा में ईट सोलिंग एवं पीसीसी कार्य नहीं किया गया है।
कागज पर योजनाओं में फर्जीवाड़ा कर पैसा निकासी की गई है। गौरतलब है वरीय पदाधिकारी एवं जांच टीम के नाक के नीचे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है और वे मामले से अनभिज्ञ है। योजनाओं के क्रियान्वयन की ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बावजूद भी फर्जीवाड़ा होना पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। ऐसे पदाधिकारी एवं कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।
इस मामले में कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार शैलेंद्र ने बताया कि यह मामला वर्ष 2018 की हैं, तब इस प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी कोई और थे। लेकिन फिलहाल यह मामला संज्ञान में आया है आरोप के आधार पर मामले की जांच की जाएंगी।