विविध

ज़िले में अब नीली क्रांति की बुनियाद गढ़ेगी जीविका दीदियां

औरंगाबाद। बिहार सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना जीविका द्वारा जीविकोपार्जन के क्षेत्र में तरह-तरह की गतिविधियां चलाई जाती है। इसी में से एक है मछली पालन जिसकी शुरुआत तकरीबन 5 महीने पहले की गई थी और इस दौरान औरंगाबाद जिले के कई प्रखंडों में तालाब में मछली पालन का काम शुरू किया गया। सदर प्रखंड के कर्मा भगवान पंचायत के कोशडीहरा ग्राम में एक तालाब में मछली पालन के परिणामों की जांच हेतु राज्य स्तरीय सदस्य के मत्स्य सलाहकार आदित्य कुमार के साथ ही जिला परियोजना प्रबंधक पवन कुमार और पशुधन प्रबंधक राजीव कुमार ने तलाब में मछली पालन की जांच की। इस दौरान मछलियों के स्वास्थ्य के प्रति मछली पालकों को जानकारी दी गई। साथ ही मछली के वजन और उसकी सेहत की भी जांच की गई। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला परियोजना प्रबंधक पवन कुमार ने कहा कि जिले में कई तालाबों में मछली पालन किया जाएगा। ऐसे में मछली पालक के द्वारा जिले में नीली क्रांति शुरू हुई है। कोशडीहरा के इस तालाब में क़रीब दस हज़ार मछलियों का बीज डाला गया था जिसमें प्रति सप्ताह मछलियों की बिक्री होनी शुरू हो गई है। वहीं इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों ने मछली खरीद ली जिससे मछली बिक्री की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। बहुत जल्द औरंगाबाद जिले के कई तालाबों में मछली पालन गतिविधियों को जारी रखकर प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा मछली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि सालों भर गरीब परिवारों को रोजगार मिल सके। वहीं मछली पालकों को विशेष प्रशिक्षण के बाद तरह-तरह के जानकारियां उपलब्ध कराई जाती है और समय-समय पर जिला स्तरीय निरीक्षण के बाद उन्हें कमियों के बारे में जानकारी दी जाती है। इस दौरान सदर प्रखंड के क्षेत्रीय समन्वयक त्रिभुवन सिंह, विनोद सिंह सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

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