(मिथिलेश कुमार)
मगध हेडलाइंस: अंबा (औरंगाबाद)। जिला सांख्यिकी कार्यालय औरंगाबाद के तत्वधान में जीवनांक सांख्यिकी अंतर्गत क्षमतावर्धन हेतु प्रखंड मुख्यालय के बहुद्देशीय भवन में शुक्रवार को एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान आंगनबाड़ी कर्मियों को जन्म और मृत्यु की घटनाओं का पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन निबंधन के लिए प्रयुक्त होने वाले विभिन्न प्रारूपों को सही ढंग से भरने की जानकारी, निबंधन की स्थिति एवं महत्व के बारे में प्रतिभागियों के बीच जागरूकता विकसित करने तथा निबंधन के प्रशासनिक ढांचा अधिनियम एवं नियम प्रक्रिया के संबंध में समझ विकसित करने के बारे में विस्तार से बताया गया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्र भूषण गुप्ता ने बताया कि जीवनांक प्रशाखा द्वारा नागरिक निबंधन प्रणाली के अंतर्गत राज्य में घटित जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्य किया जाता है। जन्म रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड जन्म का स्थान एवं जन्म तिथि का कानूनी प्रमाण है तथा मृत्यु रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड पैतृक संपत्ति, बीमा का दावा आदि में कानूनी प्रमाण है।
यह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के तहत साक्ष्य का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र बच्चों के पहचान से जुड़ा पहला दस्तावेज होता है जो नागरिकता सिद्ध करने, पासपोर्ट एवं ड्राइविंग लाइसेंस बनाने तथा कन्या सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त करने में सहायक होता है।