औरंगाबाद। कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस औरंगाबाद के परिसर में पोषण महाभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान केन्द्र एवं इफको के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ. नित्यानन्द ने सबसे पहले मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह, विशिष्ट अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह, वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डॉ. नित्यानन्द ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कृषि विज्ञान केन्द्र एवं इफको द्वारा संयुक्त रूप से साग-सब्जी का कीट एवं फलदार पौधे वितरित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ. नित्यानन्द ने मानव जीवन में पोषाहार के महत्व पर प्रकाश डाला और साथ ही महिलाओं एवं शिशु में विभिन्न पोषक तत्वों के कमी से होने वाली बिमारीयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अपने घर के बगल में एक-एक पपीता, नीबू, अमरूद, शरीफा एवं सहजन का पौधा अवश्य लगायें साथ ही पोषण वाटिका विकसित करें जिसमें जैविक साग-सब्जी का उत्पादन कर उसे अपने आहार का अंग बनायें इस प्रकार अपने शिशु एवं अपने परिवार के सदस्यों को कुपोषण से बचा सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह ने कहा कि कुपोषण की समस्या आज भी हमारे देश में विकट रूप धारण की हुई है। इसलिये वृक्षारोपण में फलदार वृक्षों का भी समायोजन करें एवं वृक्षों को लगाने के साथ-साथ वृक्षों को जीवित रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण हैं। विशिष्ट अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कहा कि किसानों को अपने खेतों में धान-गेहूं साथ-साथ मोटे अनाज वाली फसल महुआ, रागी, कोदो, सामा एवं बाजरा आदि फसलों का भी खेती करें जिसमें अधिक पोषक तत्व उपलब्ध रहता है। इन अनाजों का भी अपने खाद्य पदार्थों में समायोजन करे। परियोजना निदेशक आत्मा सुधीर सिंह ने कहा कि तकनीकी जानकारी के अभाव में किसान कम समय में अधिक मुनाफे की फसलों का उत्पादन नही कर पाते हैं।