– डी के यादव
रफीगंज (औरंगाबाद) अंतर्रजातीय विवाह करना किसी भी हालत में गलत नहीं है। इसके एक कदम से आप एक साथ कई सामाजिक कुरीतियों के बंधन से स्वंय तो मुक्त होते ही हैं समाज को भी मुक्त होने की प्रेरणा देते हैं।अंतर्रजातीय विवाह दरअसल विज्ञान सम्मत भी है। भारत जैसे बहुभाषीय, बहुजातीय, बहुसांस्कृतिक देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूती देने के लिए भी यह एक प्रगतिशील कदम है। विकास की सही परिभाषा भी यही है कि हम सारे कुरीतियों पर प्रहार करते हुए प्रगति को हासिल करें।
उक्त बातें प्रखंड के गोरडीहा पंचायत अंतर्गत ग्राम औरवां में अपने रिसेप्शन पार्टी के दरमियान शिक्षक सह समाजसेवी अभय कुमार ने खुद की शादी इसी प्रकार से किये जाने के बाद कही। बता दें कि आज की युवा पीढ़ी पर यह दोहरी जिम्मेवारी है कि वे अपने साथ-साथ अपने समाज को सौहार्दपूर्ण तरीके से कुरीतियों के बंधन से मुक्त कराने का प्रयास करे। हमें हमेशा यह ख्याल रहना चाहिए कि किसी भी तरह की जोर-जबरदस्ती से प्राप्त किए हुए लक्ष्य से सामाजिक परिवर्तन नहीं हो सकता। बुजुर्गों को चाहिए कि सकारात्मक दृष्टि रखकर इस दिशा में पहल कर रहे युवा वर्ग को प्रोत्साहन प्रदान करे और इसे अपनी और अपनी जाति, धर्म की इज्जत का सवाल बनाने से बचे।