मिला जुला दिखा असर
मगध हेडलाइंस: सदर (औरंगाबाद) रेलवे की एनटीपीसी प्रतियोगी परीक्षा में कथित तौर पर धांधली के बाद छात्रों का आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से बिहार के विभिन्न जिलों में छात्रों का उग्र प्रदर्शन जारी हैं। इसी सिलसिले में आंदोलनकारी छात्रों को राजद नेतृत्व वाली महागठबंधन के साथ ही कांग्रेस, सीपीआई समेत जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने बिहार बंद का नैतिक समर्थन दिया है। इस बंदी का औरंगाबाद ज़िला मुख्यालय समेत अन्य जगहों पर मिला जुला असर देखने को मिला। हालांकि इस बंदी में पुलिस अलर्ट मोड में दिखी। ताकि कोई अनहोनी न हो, वहीं स्थिति को सख्ती से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की भी व्यवस्था की गई है। इस दौरान राजद ज़िला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने बताया कि सरकार की जिद से छात्र परेशान हैं। जबकि हर नौजवान अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने को स्वतंत्र है। 35 हजार पदों के लिए डेढ़ करोड़ आवेदन आ रहे हैं। इससे बेरोजगारी की स्थिति स्पष्ट है। राजद आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष उदय उज्जवल ने कहा कि आज जिस आंदोलन को सरकार गैरकानूनी बता रही हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए की पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित तमाम बड़े नेता इसी छात्र आंदोलनों की उपज हैं, फिर यह आंदोलन गैरकानूनी कैसे हो गया। राजद प्रदेश महासचिव ई. सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार रोजगार के विषय में बात करें। ऐसा नहीं करने के परिणाम भयानक होंगे। शिक्षकों पर किये गए मुकदमा वापस ले। अन्यथा इससे बड़ी आंदोलन के छात्र और महाबंधन तैयार हैं। इस मौके पर कांग्रेस नेता आशुतोष कुमार सिंह, जाप नेता रामजन्म यादव समेत अन्य पार्टी के कई नेता मौजूद रहे।