– डी के यादव
मगध हेडलाइंस: कोंच (गया) नशामुक्ति अभियान को गति देने एवं समाज में जागरूकता पैदा करने को लेकर गुरु जी शराब पीने व बेचने वाले लोगों को खोज करेंगे। शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अब शराबियों पर निगरानी रखने का काम शिक्षा विभाग को दे दिया गया है। अब बिहार के शिक्षक उन नशेड़ियों का पता लगाकर मद्य निषेध विभाग को सूचित करेगें जो लुक-छिप कर शराब का सेवन कर रहे हैं। शुक्रवार को बिहार के शिक्षा विभाग ने पहली से 12 वीं तक के स्कूलों को भेजे गए निर्देश में यह काम सौंपा है।गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी व पूर्ण नशाबंदी लागू करने में शिक्षा विभाग ने शुरुआती दौर में अहम रोल अदा किया था। इस मुद्दे पर चलाए गए जागरूकता अभियान का नोडल शिक्षा विभाग ही था। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने शुक्रवार को सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक , सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया है। जिलों में भेजे गए पत्र में विभाग ने कहा है कि अब भी कुछ लोग चोरी-छिपे शराब सेवन कर रहे हैं। जिसका बुरा असर उनके परिवार पर पड़ रहा है। ऐसे में इसे रोकना जरूरी है। इस बारे में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समितियों की बैठक बुलाकर नशामुक्ति पर जरूरी जानकारी दी जाए। प्राथमिक विद्यालय बेलीपर के शिक्षक नेता रंजीत कुमार ने कहा कि लोगों की जनगणना करने के बाद पशु गणना, फसल गणना, खुले में शौच कर रहे लोगों को जागरूक करना व उनका फ़ोटो खींचने के बाद अब विद्यालय के गुरु जी गाँव के गलियों में शराब पीने व बेचने वाले लोगों को खोजेंगे। जो एक तुगलकी फरमान सुनाया गया है। इसे शिक्षक संघ विरोध करता है। इसे लेकर शिक्षक कर्मियों व लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, इस संबंध में शिक्षक नेता मनोज मंज़िल एवं मनोज कुमार (अनुमंडल सचिव) आदि ने बताया कि हमारा कार्य है छात्र व छात्राओं को शिक्षा प्रदान करना लेकिन बिहार सरकार हम शिक्षकों को कभी शौच कर रहे लोगों को फ़ोटो खींचने में ड्यूटी लगाती है तो कभी पशु गणना, तो कभी फसल गणना में ड्यूटी लगाकर मजाक उडवाया गया और अब शराबियों के पीछे लगा दी है। जिसका शिक्षक संघ विरोध करता है। वहीं, जयनंदन शर्मा (मुख्य संरक्षक, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा गया सह प्रदेश अध्यक्ष बिहार राज्य पिऊन एसोसिएशन) ने कहा कि शिक्षकों पर लागू यह आदेश उचित नहीं है। उनका कार्य विद्यालय में शिक्षा देना है न कि शराब और शराबियों के पीछे चलना। वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी कोंच प्रदीप कुमार चौधरी ने बताया कि जिला से यह आदेश अबतक प्राप्त नहीं हुआ है। बिहार सरकार से यह आदेश है तो शिक्षकों को यह आदेश पालन करना होगा।