औरंगाबाद। दो हत्यारोपी अभियुक्तों को व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद अवस्थित एडिजे पांच सुनील दत्त पाण्डेय ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। यह मामला ओबरा थाना कांड संख्या 84/18 की हैं जिसमें सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुये दो अभियुक्तों को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास एवं 69 हजार जुर्माना लगाया हैं। जानकारी देते हुये अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि काराधीन अभियुक्त ओबरा थाना क्षेत्र के चेचाढ़ी निवासी अखिलेश राजवंशी एवं सुजीत राजवंशी को 18.12.21 को दोषी करार दिया गया था। मामले में सूचक राजपति देवी ने प्राथमिकी में कहा हैं कि 07.04.18 को 9 बजें सुबह गाय बांधने को लेकर जमीनी विवाद गोतीया से हुआ था जिसमें अखिलेश राजवंशी एवं सुजीत राजवंशी सहित अन्य पांच अभियुक्त जान मारने के नियत से फरासा, गड़ासा, लाठी-डंडे से सत्येन्द्र राजवंशी को मारपीट के क्रम में गंभीर रूप से घायल कर दिए गए थे, इस बीच बचाव में आए सत्येंद्र राजवंशी के पिता नरेश राजवंशी भी घायल हो गए थे। लेकिन इधर इलाज के क्रम में सत्येन्द्र राजवंशी की मौत हो गई थीं। सरकार की ओर से एपीपी चन्द्रशेखर सिंह देव ने भाग लिया। वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता रामजी यादव ने भाग लिया। मामले में एपीपी ने बताया कि धारा 341 में 500 जुर्माना न देने पर एक माह की अतिरिक्त सज़ा होगी। वहीं धारा 323 में एक साल की सज़ा व एक हजार जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास, धारा 324 में तीन साल की सज़ा, पांच हजार जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त सज़ा, धारा 325 में सात साल की सश्रम कारावास की सज़ा, तीन हजार जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त सज़ा, धारा 326 में 10 साल सश्रम कारावास की सज़ा, तीन हजार जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास, धारा 307 में दस साल की सश्रम कारावास की सज़ा पांच हजार जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास, धारा 302 में आजीवन कारावास। वहीं पचास हजार जुर्माना, धारा 337 में छह साल की सज़ा 500 जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास तथा धारा 338 में दो साल की सज़ा, एक हजार जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी। गौरतलब है कि सभी सजाएं साथ साथ चलेगी।
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