– डी के यादव
रफीगंज (औरंगाबाद) दिल में शौक और जुनून जब हो तो व्यक्ति हर वह मुकाम को हासिल कर सकता है जहाँ वह पहुंचना चाहता है। ऐसा ही किया है रफीगंज प्रखंड अंतर्गत ढोसीला पंचायत के ग्राम ख़िरहिरी निवासी एक साधारण किसान सरदार यादव के पुत्र गायक श्याम पुजारी यादव। जानकारी के अनुसार श्याम पुजारी यादव एक गरीब परिवार से हैं और उनका संगीत का शौक बचपन से ही था। परंतु घर की तंगी हालात के कारण उन्होंने इस क्षेत्र में वर्ष 2007 में जब वे 15 वर्ष के हुए तो गाना गाने की शुरुआत मंच से शुरू कर दी। उन्होंने अबतक 100 प्लस ऑडियो सांग, 30 प्लस वीडियो सांग को गाया। जिसमें उनका एक संगीत नून रोटी खाएंगे, तेजस्वी को जिताएंगे, गाने को गया। जिसका व्यू एक मिलियन तक जा पहुंचा है। उसके बाद बेटी विदाई गीत, भक्ति गीत सहित आजकल के मांग के अनुसार कई संगीत गाये, जो लोगों को खूब पसंद आया। मालूम हो कि उन्होंने ग्रेजुएशन तक शिक्षा ग्रहण की है और फिलहाल औरंगाबाद जिले के दाऊदनगर में सरस्वती स्टूडियो के नाम से एक स्टूडियो है। जहाँ से उनका भोजपुरी संगीत की डिमांग लोगों में दिनो दिन पढ़ते जा रहा है। इस संबंध में जब उनके पिता सरदार यादव से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि श्याम पुजारी का संगीत में शौक बचपन से ही था लेकिन गरीबी की वजह से आगे नहीं बढ़ रहा था। अगर बिहार सरकार के बिहार कला एवं संस्कृति विभाग ऐसे गरीब गायक को मौका दे तो वह काफी आगे बढ़ सकता है।