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प्रखंड संसाधन केंद्र बारुण में कार्यशाला का हुआ आयोजन

बारुण (औरंगाबाद) नीति आयोग भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा औरंगाबाद जिले को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है। इस क्रम में विद्यालय के गुणवत्ता एवं अधिगम स्तर में आदर्शतम सुधार हेतु जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग तथा पिरामल फाउंडेशन के समेकित सहयोग से औरंगाबाद जिले के 175 विद्यालयों को 35 मास्टर ट्रेनर्स की सहायता से आदर्श विद्यालय के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए बारुण प्रखंड से 16 विद्यालयों का चयन किया गया है। इन विद्यालयों को डेमो विद्यालय के रूप में प्रोन्नत किया जाएगा जिससे आस पास के विद्यालय प्रेरणा ले सकें। इन विद्यालयों के दो- दो शिक्षकों का उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन प्रखंड संसाधन केंद्र , बारुण में किया गया। जहाँ उन्हें परियोजना से संबंधित निर्देश तथा जानकारी प्रदान किये गये। इस कार्यशाला का उदघाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान प्रखंड साधनसेवी अजीत सिंह, पप्पू सिंह, विनय कुमार, लेखपाल कुश कुमार आदि उपस्थित रहे। मास्टर प्रशिक्षक शशिधर उज्ज्वल, संदीप राम, रामबाबू ने शिक्षकों को बताया कि विद्यालय की स्थिति को सुधारने में शिक्षक सकारात्मक भूमिका निभाते है। नीति आयोग की रैंकिंग में औरंगाबाद का टॉप 5 में स्थान बनाना गर्व की बात है। अब हमें चाहिए कि शिक्षा को उत्कृष्ट बनाया जाय। ऐसा प्रतिमान स्थापित किया जाय कि अन्य विद्यालय आपका अनुसरण करें। शिक्षको को बच्चों में कौशलता के विकास पर जोर दिया जाना चाहिए। विद्यालय समय से खुले, समय से बंद हो। बच्चे विद्यालय में आये तो उन्हें कक्षा कक्ष रोचक लगे। बच्चों के स्वास्थ्य, सफ़ाइ की अच्छी आदतें विकसित होनी चाहिए। विद्यालय भवन आकर्षक, बागवानी युक्त और स्वच्छ होना चाहिए। इसके अतिरिक्त लाइब्रेरी, बिजली, खेल सामग्री, शौचालय, पेयजल, बच्चों के पास पाठ्यपुस्तक की उपलब्धता होनी चाहिए। चेतना सत्र आकर्षक और माइक की सहायता से किया जाय। शिक्षक नवाचार करें। खास कर भाषा और गणित पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

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