
औरंगाबाद। सदर प्रखंड स्थित जम्होर थानांतर्गत पुनपुन बटाने संगम के तट पर हिंदुओं का महापर्व छठ पर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य संध्या समय छठ व्रतियों ने भक्तिमय वातावरण के माहौल में अर्पण किया। विदित हो कि मगध के चार धामों में से एक पुनपुन तीर्थ विष्णु धाम का पवित्र संगम घाट अति प्राचीन हैं। इस घाट का वर्णन पुराणों में भी वर्णित है। यही घाट बिहार की पुण्यसलिला नदी पुनपुन का प्रथम संगम तट है।जहां, पर स्नान, पिंड तर्पण, अर्घ्य आदि की विशेष महता है। पिंड तर्पण की प्रथम बेदी होने के कारण भी इस स्थान की विशेष महत्ता है। इसी स्थान पर भगवान विष्णु 33 कोटी देवताओं के साथ निवास करते हैं। यह स्थान बड़ा ही मनोरम है, प्राकृतिक सुषमा से आच्छादित है। इस स्थान पर छठ करने का विशेष महत्व है। छठ के तीसरे दिन लगभग 50000 की संख्या में छठ व्रती इस घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिए एवं अपने हृदय में अदृश्य मनोकामना लिए घर को रवाना हुए। कुछ छठ व्रती इस घाट के किनारे अवस्थित पंडाल, यज्ञशाला एवं घाट के किनारे बने अस्थाई पंडालों में निवास किए ताकि सूर्योदय होते ही उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपना छठ व्रत का चार दिवसीय अनुष्ठान को पूर्ण कर सकें। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी घाट पर जम्होर की सामाजिक संस्था कुमार प्रिंस क्लब द्वारा छठ व्रतियों के लिए विशेष इंतजाम किया गया। उनके रहने की सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई। साथ ही साथ किसी भी श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसका भी ख्याल रखा गया। यही नहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा भी प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी गई। थाना प्रभारी संजय कुमार के नेतृत्व में आरक्षी बल अपनी अपनी ड्यूटी सही तरीके से क्रियान्वित किए। विष्णु धाम के महंत बालकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि उनके गुरु महाराज जी कहा करते थे कि यहां छठ व्रत हजारों साल से होते आ रहा है। विष्णु धाम परिसर में अवस्थित भगवान भास्कर का मंदिर एवं प्रतिमा अति प्राचीन है। दर्शन मात्र से मन में भक्ति की अविरल धारा बहने लगती है। लोग दूर-दराज से आकर इस मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं छठ व्रत का अनुष्ठान करते हैं और अपनी मनवांछित मनोकामना को पूर्ण करते हैं। इस आशय की जानकारी जन विकास परिषद एवं जनेश्वर विकास केंद्र के मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी ने दिया।