
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । संयुक्त कृषि भवन के प्रांगण में आत्मा योजनान्तर्गत दो दिवसीय “किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्शनी” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मगध प्रमंडल गया संयुक्त निदेशक (शष्य) सुधीर कुमार राय, अपर समाहर्ता उपेंद्र पंडित एवं जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया। मेले में कृषि से जुड़ी गतिविधियों और किसानों के हित में किए गए विकास कार्यों पर चर्चा हुई। मेले को आकर्षक बनाने के लिए कृषि और संबंधित विभागों ने स्टॉल लगाए। आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया। कड़ाके की धूप के बावजूद सैकड़ों किसान अपनी-अपनी जगह पर बैठे रहे और तकनीक पर आधारित कृषि की जानकारी प्राप्त की। संयुक्त कृषि निदेशक (शष्य) सुधीर कुमार राय के द्वारा कृषि विभाग में संचालित योजनाओं, फसल अवशेष प्रबंधन एवं आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग के लाभों के बारे में विस्तार से बताया गया। जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद द्वारा कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा गरमा बीज वितरण, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान एवं अनुदान, प्रत्यक्षण बीज के बारे में विस्तार से किसानों के बीच रखा गया। उन्होंने बताया कि जिले के किसान आधुनिक तकनीक का सहारा लें और आत्मनिर्भर बनें। किसान आत्मनिर्भर बनेंगे नवादा जिला भी आत्मनिर्भर बन सकेगा। यह मेला-सह-प्रदशर्नी कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा जिसमें किसान भाग लेकर तकनीकी जानकारी के साथ-साथ कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। उनके द्वारा कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों को उद्यानिक फसलों की खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक रॉकी रावत ने खा कि किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने एवं उन्नत खेती कर आमदनी बढ़ाने की जानकारी दिया गया। मेले में पहुंचे किसान काफी प्रसन्न दिखे। जिला परिषद सदस्य शंकर यादव द्वारा किसानों की खेती में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा किए एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से किसानों के समस्याओं के निदान हेतु आग्रह भी किया गया। सदर विधायक प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह के द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा 1966 के पहले गेहूं एवं चावल का विदेशों से आयात किया जाता था किन्तु कृषि वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से आज धान एवं गेहूं के उत्पादन में इतना वृद्धि हुआ है कि भारत चावल तथा गेहूं का विदेशों में निर्यात करने के स्थिति में रहता है, परंतु दुर्भाग्य की बात है कि अन्य फसलों यथा दलहनी, तेलहनी एवं मोटे अनाज के उत्पादन में यथोचित वृद्धि नहीं होने के कारण हम इसके उत्पादन में बहुत पिछड़े हुए हैं। जिला परिषद सदस्य सुरेन्द्र यादव द्वारा कृषि विभाग के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि कृषि विभाग के प्रयास से ही औरंगाबाद जिला में अमरूद पपीता एवं स्ट्रॉबेरी की खेती की तरफ किसानों का रूझान बढ़ा है। इससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हो रही है। इस अवसर पर अपर समाहर्ता उपेंद्र पंडित, उद्यान सहायक निदेशक श्रीकांत, मौसम वैज्ञानिक अनुप चौबे सहित अन्य मौजूद रहे।