
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। विद्युत विभाग केवल राजस्व उगाही के लिए शिविर आयोजित करती हैं, लेकिन उपभोक्ताओं के मूल समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। यह बात ज़िला पार्षद प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने कहीं। शनिवार को गोह विद्युत कार्यालय में लगाए जा रहे शिविर का ज़िला पार्षद प्रतिनिधि ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली के ऐसे कैंप का विरोध करता हूं और आम जनता से भी अपील करता हूं कि अयोजित शिविर का विरोध करें। उन्होंने कहा कि आपके गांवों में लगे विद्युत पोल टेढ़े-मेढ़े, जर्जर और जानलेवा हो चुके हैं, लेकिन इससे विद्युत विभाग को कोई लेना देना नहीं है। इनकी लापरवाही से लोगों की जाने जा रही हैं। अधिकांशतः ट्रांसफार्मर में ओवर लोड की समस्या है जिसके कारण लो वोल्टेज रहती हैं। उन्होंने कहा कि इनका ठेकेदार और भ्रष्ट नेताओं का गठजोर हैं। लोग अपनी समस्याओं को लेकर विभाग का चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन उनका कोई सुनवाई नहीं होता है। उन्होंने कहा कि देश के किसान, मजदूर व आम जनता की कमर पहले से ही टूट चुकी है। वहीं विद्युत को निजी हाथों में देकर प्रीपेड मीटर लगाने की छूट कंपनियों को देकर किसान, मजदूर, आम लोगों का शोषण कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार की विरोधी नीति से गरीब जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि विद्युत बिल में गड़बड़ी विभाग और ठेकेदार की देन है। बीपीएल परिवारों पर भी लाखों रुपये बकाया दिखाया जा रहा है, जो आश्चर्य जनक हैं। सैंकड़ों ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके मकान वर्षों से बंद है, फिर भी उनसे बिल का दोहन किया जा रहा है। कई उपभोक्ताओं की शिकायत मिली है कि एक ही घर में दो-दो व्यक्ति के नाम से बिजली बिल भेजा जा रहा है। कार्यपालक अभियंता पहले ऊपर वर्णित समस्याओं का समाधान करें। इसके बाद राजस्व वसूली का कैंप लगवायें। अन्यथा 24 सितंबर से विद्युत विभाग के भ्रष्ट ठेकेदार-अधिकारी के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत होगी।







