मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। चार घंटे के बदले आठ घंटे काम एवं पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीण डाक कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल गत 12 दिसंबर से जारी है। आज प्रधान डाकघर के परिसर में अपनी सात सूत्री मांगों के समर्थन में ग्रामीण डाक कर्मियों ने जमकर नारेबाज़ी की। यह अनिश्चितकालीन हड़ताल अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ एवं पीजेसीए के तहत चार दिनों से जारी है। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इनकी ड्यूटी 4 घंटे तय की गई थी। हालांकि काम 8 घंटे तक लिया जाता है। उनकी मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार के दूसरे कर्मचारियों को जिस तरह की सुविधा मिलती है। वैसी सुविधा ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले डाक सेवकों को भी मिलना चाहिए। सदस्य अजीत कुमार ने कहा कि वह विषम परिस्थितियों में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन विभाग लगातार उनकी जायज मांगों की अनदेखी करता रहा है। अन्य विभागीय कर्मचारियों की तरह उन्हें अच्छी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से अभी तक कमलेश चंद्र कमेटी की सिफारिशें भी पूर्ण रूप से लागू नहीं की गई हैं। उन्होंने विभाग से अपनी जायज मांगों के निराकरण की मांग की हैं। इस मौके पर अध्यक्ष संजय कुमार मिश्रा, नरेश मिस्त्री, गोरख नारायण, बलदेव प्रसाद, कोषाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, कृष्णकांत शर्मा, छवीनाथ सिंह, उपेंद्र प्रसाद, सचिव मुंद्रिका सिंह इंद्रदेव प्रसाद एवं मालवेंदु शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
डाक अधीक्षक ने ग्रामीण डाक सेवकों से की अपने काम पर लौटने की अपील – डाक अधीक्षक सुनील कुमार ने कहा कि ग्रामीण डाक सेवकों के हड़ताल पर जाने के कारण डाकघर के कार्य प्राभावित है। उसमे जमा-निकासी, सुकन्या समृद्धि योजना व अन्य पार्सल और डाक एवं जरूरी कागजात का वितरण सभी कार्य प्रभावित गया है। हम चाहते हैं कि वे वापस अपने काम पर लौटे, ताकि बिना किसी रुकावट के आम लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलती रहे। ऐसे में हम भी विभाग से भी चाहेगें की उनकी जो जायज़ मांगे हैं। उसे पूरा किया जाएं।