
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। दिल में अगर कुछ करने का जुनून हो तो कामयाबी निश्चित ही कदम चूमती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है , बेहद गरीबी में पले-बढ़े औरंगाबाद के कर्मा भगवान निवासी राहुल कुमार ने. उन्होंने बीपीएससी 67वीं की परीक्षा में सफलता का न सिर्फ परचम लहराया है बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के जीवन के हौसलों को उड़ान दी है. सदर प्रखंड के कर्मा भगवान गांव निवासी रविंद्र ठाकुर के पुत्र राहुल कुमार ने बीपीएससी में सफलता पाकर अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी बने हैं. उन्होंने यह सफलता चौथे प्रयास में पाई है. उन्होंने एग्जाम में पास करके न सिर्फ गांव का नाम रोशन किया है बल्कि पूरे जिले को गौरवान्वित किया है. लेकिन उसका सपना यूपीएससी क्रैक करना है. उसने अपनी सफलता का श्रेय पिता के संघर्ष को दिया है.
अभाव को बनाया अवसर –
सदर प्रखंड के कर्मा भगवान गांव निवासी रविंद्र ठाकुर नाई का काम करते हैं, उन्होंने अपनेे बेटे की पढ़ाई में गरीबी को आड़े आने नहीं दिया , अर्थव्यवस्था के भाव में बेटे का बेहतर मार्गदर्शन किया. उनका पहले खुद का औरंगाबाद शहर में एक सैलून था. हां वह बाल-दाढ़ी बना कर अपने और पूरे परिवार का पेट भरते थे. लेकिन कोरोना काल में उनका सैलून बंद हो गया और अब वह किसी दूसरे के सैलून में काम करते हैं. पहले जहां वह सैलून के मालिक थे, बाद में दूसरे के यहां काम किया. बच्चे को पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी।
बेहद गरीबी में राहुल ने बिताए जीवन –
राहुल ने गरीबी को अभिशाप न समझते हुए हालात से लड़कर पदाधिकारी बन गया. उसकी बहन ने भी अपने भाई की पढ़ाई में काफी सहयोग की. छोटी बहन ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपने बड़े भाई को पढ़ाया. अब राहुल अपनी बहन को ट्यूशन नहीं पढ़ाने देगा. राहुल ने बहन को पढ़ाने की बात कही है, भाई का सपना है कि उसकी बहन भी आगे बढ़े. इस अवसर पर वार्ड सदस्य राजू कुमार सहित कई अन्य मौजूद रहे।