– मिथिलेश कुमार –
मगध हेडलाइंस: अंबा (औरंगाबाद) : नेशनल बी-कीपिंग एंड हनी मिशन योजना (एनबीएचएम) का दो दिवसीय सेमिनार सह प्रशिक्षण का आयोजन संयुक्त कृषि भवन औरंगाबाद के सभागार में किया गया। सहायक निदेशक उद्यान सह सदस्य सचिव औरंगाबाद डॉ. श्रीकांत, जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा औरंगाबाद रामईश्वर प्रसाद, वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस औरंगाबाद डॉ. विनय कुमार मंडल एवं उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कृषकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर सेमिनार सह प्रशिक्षण का उद्घाटन किया। डॉ. श्रीकांत ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषकों को मधुमक्खी पालन के लिए जागरूक करना, मधुमक्खी पालन से स्वरोजगार को बढ़ावा देना और कृषकों की आय दोगुनी करना है। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद में शहद क्रांति लाई जा सकती है क्योंकि झारखंड से सटे होने के कारण यहां सभी मौसम में मधुमक्खियों के लिए पराग एवं नेक्टर की व्यवस्था प्राकृतिक रूप से पाई जाती है। भ्रमणशील मधुमक्खी पालक प्रति बॉक्स 50 – 60 किलोग्राम शहद का उत्पादन कर सकता है। मधुमक्खी पालन से आय का स्रोत भी सृजित किया जा सकता है।