– संजीव कुमार –
मगध हेडलाइंस: मदनपुर (औरंगाबाद) इन दिनों किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है जिसका मुख्य कारण इलाके में अल्प वर्षा और सुखा पड़ा उत्तर कोइल नहर हैं। स्थिति यह है कि प्रखंड के अधिकांश इलाकों मे पानी नहीं होने के कारण धान की रोपनी न के बराबर हुई है। फिलहाल लगभग 3 प्रतिशत खेतों में रोपनी हो पाई है। प्रयाप्त धान की रोपनी नहीं होने से किसान चिंतित है। बताते चलें कि बॉर्डर एरिया के 103 आरडी पर बिहार के नवीनगर डिवीजन को मात्र 690 क्यूसेक पानी मिल रहा है। इधर नवीनगर से अंबा डिवीजन को 152.45 आरडी पर 543 क्यूसेक पानी प्राप्त हो रहा है। इसके साथ औरंगाबाद डिवीजन के 211.20 आरडी पर 222 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया गया है। लेकिन जहां कहीं नहर मे रिसाव के कारण मदनपुर प्रखंड क्षेत्र मे पानी नहीं पहुंच पाया है। नदी – नाले, आहर – पोखर पुरी तरह से सूखे पड़े है जिसके कारण जल स्तर निचे की ओर चला गया है। लोगों को पिने के लिए पानी की भी किल्लत हो गयी है। जहां एक तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों को जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि इस बार बरसात न के बराबर हुआ है। वे लोग उत्तरी कोइल नहर में आने वाला पानी के भरोसे थे। लेकिन उसमे भी पानी नहीं छोड़ा गया। धान की रोपनी नहीं होने से लोगों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है। अब उनके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। दूसरी तरफ कमर तोड़ महंगाई से किसान परेशान है। उनके लिए कृषि एकमात्र आय का साधन है। सुखा पड़ा उत्तर कोइल नहर और अल्प वर्षा उनके जीवन स्तर को प्रभावित कर दिया है।