औरंगाबाद। बिहार में शराबबंदी है, लेकिन ज़मीन पर इसके हालत बिगड़े हैं। आज इसी का नतीज़ा है कि औरंगाबाद ज़िले के मदनपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न गांवों में ज़हरीली शराब की सेवन से मौत का सिलसिला जारी हैं। यह उक्त बातें ज़िला पार्षद शंकर यादवेन्दु ने कहा है। आगे उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार का दावा है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। जबकि आज मैने उक्त प्रखंड के विभिन्न गांवों का दौरा किया जिसमें ज़हरीली शराब सेवन से 20 से अधिक लोगों की जाने चली गई जबकि इस बीच कई लोगों के आंख की रौशनी भी चली गई।शराबबंदी को लेकर सरकार के दावे की ज़िले में धज्जियां उड़ायी जा रही है, लेकिन पुलिस-प्रशासन को अब जाकर नींद खुली हैं। स्थिति यह है कि प्रखंड में मौत तांडव कर रही है, दशहत की स्थिति बनी हुई हैं, और इनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही हैं, ऐसे में हमारी मांग है कि जिला प्रशासन मरने वालों की संख्या का उचित समीक्षा कर उनके आश्रितों को अविलंब मुआवजा स्वरूप पांच लाख रुपये राशि दे ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके। क्योंकि मरने वालों में कई ऐसे लोग हैं, अपने परिवार के अकेल कर्ताधर्ता थे। इन परिस्थितियों में उनके परिवार का गुजारा कैसे हो। इस पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करें।