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बंदियों को मिले हर हाल में पोष्टिक आहार, प्राधिकार के सचिव ने किया जेल का विस्तृत निरीक्षण, दिये जरूरी निर्देश 

18 साल से कम आयु उम्र वाले कैदियों को चिन्हित कर संबधित न्यायलयों में भेजने का निर्देश 

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव प्रणव शंकर और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आनंद भूषण द्वारा आज जेल का भ्रमण करते हुए निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव प्रणव शंकर एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आनंद भूषण द्वारा मौजूद बुनियादी व्यवस्था को देखा। नये जेल भवन का स्थानांतरण कुछ दिन पहले ही हुआ है जिसके परीधी में छायादार पौधा रोपण पर विशेष प्रकाश डाला गया।

जेल निरीक्षण के दौरान मंडल कारा में पदस्थापित जेल अधीक्षक सुजीत कुमार झा भी मौजूद थे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव प्रणव शंकर द्वारा कैदियों को कारा में उत्पन्न हो रही समस्याओं से अवगत होने के उपरांत कैदियों के समक्ष ही तत्काल निदान करने का निर्देश जेल अधीक्षक को दिया। निरिक्षण के दरम्यान जेल के समस्त वार्डो में जा कर कैदियों से उनकी समस्याओं से अवगत हुए।

उन्होंने प्रत्येक बंदियों से उनको मिलने वाली खाना एवं आहार के संबंध में व्यक्तिगत रूप से पूछ-ताछ किये और खाने के मीनू की जानकारी प्राप्त किया। इसके उपरांत वे जेल के नव निर्मित रसोई घर का निरिक्षण किया और बन रहे खाना की गुणवत्ता की जांच किया। वहीं जेल प्रशासन को खाने की गुणवत्ता पर कई दिशा-निर्देश दिया गया। उन्होंने जेल प्रशासन को बंदियों के बौद्धिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के विकाश हेतु समय-समय पर शैक्षणिक गतिविधियां एवं योगा अभ्यास हेतु कार्यक्रम व जागरूकता करने हेतु कहा गया।

अपने जेल निरिक्षण के क्रम में उनके द्वारा जेल के सौंदर्यीकरण हेतु छायादार व फलदार वृक्ष के साथ-साथ विविध प्रकार के फूल-पौधे लगाएं जाने पर जोर दिया ताकि जल्द ही जेल एक मॉडल जेल के रूप में विकसित हो सके। निरिक्षण के क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर द्वारा जेल के वैसे कैदी जो प्रथम दृष्टया देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि उनकी उम्र 18 वर्ष से कम है, उन्हें तत्काल कारा अधीक्षक को यह निदेशित किया कि इनकी सूची संबंधित न्यायालयों में उनकी आयु के सत्यापन हेतु प्रेषित करें, ताकि विधि अनुसार उनके मामलों पर कार्रवाई हो सके तथा वैसे कैदियों की सूची तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय को तथा जेल में प्रतिनियुक्त जेल भ्रमण अधिवक्ता को आवश्यक रूप से देना सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिया।

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सचिव द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि जो भी नये कैदी जेल में आते हैं तो बंदी के दौरान उनके अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में बतायें। साथ ही साथ अगर उन्हें विधिक सहायता की आवश्यकता है तो किस प्रकार से उन्हें विधिक सहायता मिल सकती है, इस बारे में बताएं।

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