मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। माओवादियों को एक बड़ा झटका देते हुए बिहार एसटीएफ, औरंगाबाद पुलिस और झारखंड पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के बिहार झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य बीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ को गुरुवार को औरंगाबाद से गिरफ्तार कर लिया। एनआईए ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये और झारखंड सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
सौरभ के खिलाफ बिहार और झारखंड में एक दर्जन से अधिक मामले लंबित हैं। गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने कहा कि यह कार्रवाई अपर पुलिस अधीक्षक अभियान मुकेश कुमार के नेतृत्व में ढिबरा थानाध्यक्ष पवन कुमार एवं एसटीएफ सहित सशस्त्र बल के द्वारा की गई जिसमें पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुईं हैं। इस कर्रवाई में 30 लाख का इनामी शीर्ष माओवादी नेता गिरफ्तार गिरफ़्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि सशस्त्र माओवादियों का एक समूह ढिबरा थाना क्षेत्र के झरना महुलान और उसके आसपास के जंगली इलाकों में छिपा हुआ है। इसी सूचना के आधार पर उस इलाके में एसटीएफ और ढिबरा पुलिस द्वारा संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान एक नक्सली पकड़ा गया जिसकी पहचान वीरेंद्र यादव उर्फ सौरव दास उर्फ मार्क्स बाबा के रूप में की गयी। उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली के खिलाफ बिहार के औरंगाबाद और गया जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों और झारखंड के कई जिलों में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर नक्सली मामले हैं, जिनमें हत्या के प्रयास जैसे आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस को इस नक्सली की एक दशक से अधिक समय से तलाश थी। यह माओवादी न केवल प्रतिबंधित संगठन के लिए सक्रिय हिंसा में शामिल रहा है बल्कि उसने संगठन के लिए धन और हथियार जुटाने में भी प्रमुख भूमिका निभाई है। पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि इस नक्सली की गिरफ्तारी से माओवादियों का मनोबल काफी गिरा है और उनके संगठन को नुकसान हुआ है।