मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। शिक्षकों की मांगों के समर्थन में भाजपा के शांतिपूर्ण आंदोलन पर जिस तरह से पुलिस द्वारा लाठी का प्रहार किया गया, यह कहीं से भी उचित नहीं है। इसकी जितनी भी निंदा की वह कम है। यह राज्य सरकार की तानाशाही का प्रतीक है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हम शिक्षकों को उनका हक दिला कर रहेंगे। ये बात औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कही।
उन्होंने कहा कि हम लोग शांतिपूर्ण व संवैधानिक तरीके से मार्च कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने भाजपा नेताओं पर लाठी चार्ज कर दिया जिसमें हमारे एक नेता की मौत हुई है। जब तक इस सरकार को सत्ता से उखाड़ नहीं फ़ेकेंगे तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि शहीद विजय कुमार सिंह की शहादत बेकार नहीं जाएगी। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भाजपा से डर गये हैं। सरकार ने लाठीचार्ज को लेकर भाजपा के 63 नेताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है जो कहीं से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक के साथ नाइंसाफी की है वहीं पहले कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को रोजगार देने वाले तेजस्वी यादव की बाते आज जुमला साबित हो रही है।
लालू प्रसाद पर सियासी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार घोटाले का अभियुक्त है। रेलवे में गलत तरीके से नौकरी देकर गरीबों की जमीन लिखवा लिया। इस सरकार में दर्जनों पुल बहे, अभी हाल में 1700 करोड़ रुपयों की लागत से बना पुल गिर गया जिसका अब तक कोई जांच नही हुआ। इस मौके पर विधान परिषद सदस्य दिलीप कुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा, ज़िला महामंत्री मुकेश कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष अलोक सिंह समेत अन्य मौजूद थे।