मदनपुर (औरंगाबाद) देश एक बार पुनः वीर भगत सिंह को पुकार रहा है। यह बात जनवादी लेखक संघ औरंगाबाद के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो.लक्ष्मण यादव ने कहीं। यह कार्यक्रम मदनपुर खेल मैदान में आयोजित किया गया जिसमें भगत सिंह के शहादत पखवारा के रूप में आज का समय और भगत सिंह पर सेमिनार आयोजन का आयोजन किया गया। डॉ. लक्ष्मण यादव ने कहा कि वर्षों बाद बिहार सम्प्रदायिक हिंसा हुई है। यह देश के लिए खतरा है। भारत जैसे देश में हिंदू राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल सदस्य बीरेंद्र प्रसाद, ई. नागेन्द्र यादव एवं इकबाल अख्तर दिल ने किया। जबकि संचालन प्रो. अलखदेव प्रसाद अचल ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मशाल जला कर आगत अतिथियों ने किया। इस अवसर पर अतिथियों ने भगत सिंह के चित्र पर पुष्प माल्यार्पण किया गया। वहीं अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का स्वागत स्वागताध्यक्ष मुखिया संजय कुमार यादव रहे। सिद्धार्थ रामू ने कहा आज के समय में लाखों करोड़ों भगत सिंह की जरूरत है जिस देश में सत्ता के लिए धर्म को राजनीति में घसीटा जा रहा है और सांप्रदायिकता का सहारा लिया जा रहा है। वर्षो से चली आ रही दो धर्मों के बीच सद्भाव को खत्म किया जा रहा हैं। यह चिंता का विषय है। देश में संविधान की जगह पुनः मनुस्मृति को स्थापित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा। यह देश के लिए दुर्भाग्य है। प्रो. डॉ. लक्ष्मण यादव ने कहा कि आज देश फिर से भगत सिंह को याद कर रहा है। तभी समता मूलक समाज की निर्माण संभव हैं। देश में जब तक समाजवाद नहीं आएगा, तब तक भाईचारा की गुंजाइश नहीं है। इसके लिए भगत सिंह की राह पर चलने की जरूरत है। डॉ. कर्मानन्द आर्य ने कहा कि आज गरीबों, मजलूमों की स्थिति अंग्रेजी हुकूमत से भी बदतर है। इसलिए देश में फिर एक नयी क्रांति की जरूरत है। जलेस बिहार के सचिव कुमार विनीताभ ने कहा जनवादी लेखक संघ भगत सिंह की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहा है। इसके लिए निरंतर संघर्षरत रहा है। नौजवानों को आगे आने की जरूरत है। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला परिषद सदस्य शंकर यादव, विकास कुमार, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि पंकज कुमार, लंबु यादव, महेन्द्र यादव, रवीन्द्र यादव, सुरेन्द्र यादव, पूर्व मुखिया शहज़ाद शाही, जिप अनिल कुमार यादव, मुखिया धन्नजय यादव, विवेक कुमार गुप्ता, रंजीत कुमार यादव, शम्भू शरण सत्यार्थी, राजद वरीय नेता रविन्द्र कुमार यादव, रामेश्वर कुमार रौशन, राजद नेता सोनु कुमार यादव, लालदेव यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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