विविध

ज़िले में निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 89.19 प्रतिशत धान की हुई खरीद

मगध हेडलाइंस: सदर (औरंगाबाद)। खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2021-22 में औरंगाबाद जिलान्तर्गत धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया जिलान्तर्गत प्रगति पर है। जिला को अ़द्यतन आवंटित लक्ष्य 2,40,000 एम॰टी॰ के विरूद्ध अबतक 214050.40 एम॰टी॰ (89.19 प्रतिशत) की खरीद की जा चुकी है। गत वर्ष कुल खरीद 205000 एम टी की गई थी।

वर्तमान में औरंगाबाद जिला अधिप्राप्ति की प्रतिशत उपलब्धि के अनुसार पूरे बिहार में 10 वे स्थान पर है। अबतक जिले में कुल 191 पैक्सों एवं 11 व्यापार मंडलों (कुल 202 समितियों) को अधिप्राप्ति कार्य हेतु चयनित किया गया है, जबकी गत वर्ष में कुल 181 समितियाँ ही चयनित थीं।

धान अधिप्राप्ति की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। वर्तमान परिस्थिति में जिलान्तर्गत कार्यरत समितियों के माध्यम से तय समय सीमा 15.02.2022 तक जिला के लक्ष्य का शत-प्रतिशत अधिप्राप्ति कर लिये जाने की संभावना है। सभी संबंधितों को यह निदेशित किया गया कि धान अधिप्राप्ति की नियमित जांच सभी संबंधितों के द्वारा लगातार की जाए। अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारियों को भी जांच के लगाकर लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास किया जाएगा।

इस संबंध में प्रबंधक निदेशक, सहकारिता बैंक को विभागीय निदेशों के अन्तर्गत समुचित राशि सभी समितियों को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया एवं जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम को युद्ध स्तर पर चावल समितियों से प्राप्त करेन हेतु निदेशित किया गया जिससे की समितियों के पास अधिप्राप्ति करने हेतु राशि का अभाव न रहे।

Related Articles

विभागीय निदेश के आलोक में सभी समितियों को यह भी निदेशित किया गया कि जिला टास्क फोर्स से प्राप्त लक्ष्य/अनुमति के अनुसार ही खरीददारी किया जाना है एवं किसी भी परिस्थिति में उक्त लक्ष्य/अनुमति के आगे अधिप्राप्ति नहीं किया जाना है।

समितियों को वायदा आधारित खरीददारी किसी भी परिस्थिति में नहीं करने हेतु निदेशित किया गया एवं सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों से गडबड़ी/अनियमितता बरतने वाली समितियों के संबंध में प्रतिवेदन की माँग की गई है ताकि ऐसी समितियों के उपर कार्रवाई की जा सके। पूर्व में में लापारवाही बरतने वाली समितियों के लक्ष्य में कटौती, अधिप्राप्ति कार्य में रोक लगाना, अग्रेतर अधिप्राप्ति कार्योंं से बाधित करने इत्यादी कार्रवाई की गई है।

विभागीय निदेश के आलोक में सभी समितियों को यह भी निदेशित किया गया कि वे किसी भी परिस्थिति में किसानों को अपना धान बिक्री करने हेतु चावल मिलों के पास नहीं भेंजेंगे एवं कोई भी चावल मिल किसी भी परिस्थिति में समिति (पैक्स/व्यापार मंडल) के नाम पर किसानों से सीधे धान प्राप्त नहीं करेंगें। क्योंकि ऐसे मामलों में किसानों में भ्रांती की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं एवं उनको न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे मामलों में सभी दोषियों के उपर प्राथमिकी दर्ज करने हेतु सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को निदेशित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please remove ad blocer