– रामविनय सिंह –
मगध हेडलाइंस: गोह (औरंगाबाद) गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने एक बार फिर पुलिस और पब्लिक की सहानुभूति को प्रदर्शित किया है उन्होंने सड़क पर पड़े खून से लथपथ व्यक्ति को मानवता का परिचय देते हुए तत्काल पुलिस वाहन पर उसे लादकर समुदायिक स्वाथ्य केंद्र में पहुंचाया। जहां युवक की हालत गंभीर रहने के कारण घायल युवक को चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज को लेकर मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया है। युवक की पहचान गोह थानाक्षेत्र के सुजान गांव के अवधेश यादव के रूप में कई गई है।
जानकारी मिली कि अवधेश यादव पैदल गोह बाजार जा रहे थे। जैसे ही राजपूताना मुहल्ला मोड़ के समीप पहुुंचे की पीछे से तेज रफ्तार में आ रही एक बाइक सवार ने जबर्दस्त टक्कर मार दी जिससे अवधेश यादव गंभीर रूप से जख्मी होकर सड़क पर गिर पड़े और बेहोश हो गए। थानाध्यक्ष कमलेश पासवान को सूचना मिलते ही उन्होंने अपने वाहन से तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और सड़क पर खून से लथपथ बेहोशी हालत में अवधेश यादव को पुलिस वाहन पर लादकर अस्पताल पहुंचाया।
स्ट्रक्चर को लेकर चिल्लाते रहे पुलिसकर्मी : गोह पुलिस ने जैसे ही घायल अवधेश यादव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया तो इमरजेंसी गेट पर पहुंचने के बाद पुलिसकर्मी लगातार स्ट्रक्चर को लेकर चिल्लाते रहे लेकिन स्वास्थ्य कर्मी स्ट्रक्चर लाना मुनासिब नहीं समझा जिसके बाद थानाध्यक्ष कमलेश पासवान अपने चालक व पुलिसकर्मी के सहयोग से उठाकर उसे वार्ड में भर्ती कराया। हालांकि अपनी ड्यूटी में तैनात आयुष चिकित्सक डॉक्टर अर्जुन कुमार एवं कमलेश कुमार के सहयोग से खून से लथपथ व्यक्ति को फौरन इलाज शुरू कर दिया।सूचना मिलते ही चिकित्सा पदाधिकारी वार्ड में पहुंचकर मरीज की जांच भी की। उसके बाद स्थिति को गंभीर देखते हुए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया।
स्ट्रक्चर नहीं मिलने से नाराज़ दिखे प्रभारी : गंभीर रूप से घायल अवधेश यादव को ले जाने को लेकर पुलिसकर्मी के द्वारा स्ट्रक्चर मांगा गया जबकि स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा उपलब्ध नहीं करवाया गया जिस पर चिकित्सा पदाधिकारी अभिनव चंद्र नाराज दिखे और उन्होंने चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को फटकार भी लगाई।
समय से अपनी ड्यूटी पर नहीं रहती नर्स : वार्ड में भर्ती मरीजों की माने तो बारह बजे के बाद एक भी नर्स मरीजों को देखने नहीं पहुंचती यहां तक की बारह बजते ही सभी अपने आवास पर चले जाते हैं और दूसरे दिन दस बजे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर अस्पताल पहुच जाते है। इसकी शिकायत कई बार चिकित्सा पदाधिकारी से की गई लेकिन इसमें आज तक सुधार नहीं हो सका।