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सीओ ने रिश्वत लेकर श्मशान पर मुश्लिम का दफ़नवाया शव, आरोप को बताया बेबुनियाद

एक सप्ताह पूर्व श्मशान पर मुस्लिम का शवं दफनाने के बाद आक्रोशित हैं ग्रामीण, पुलिस का भय दिखाकर दफनाया गया था शव, प्रदर्शनकारियों ने कहा - पूर्व के कब्रिस्तान में घेराबंदी पर ग्रामीणों का आपत्ति नहीं

       (राम विनय सिंह)

गोह (औरंगाबाद) उपहारा थाना क्षेत्र के डड़वा गांव में शुक्रवार को श्मशान घाट पर कब्रिस्तान बनाये जाने को लेकर ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व रंजीत यादव ने किया। इस दौरान ग्रामीणों ने अंचलाधकारी मुर्दाबाद, रिश्वत लेकर जमीन कब्जा देना बंद करों, रिश्वत लेकर श्मशान घाट पर कब्रिस्तान बनाना बंद करों सहित कई नारे भी लगाए।

प्रदर्शन कर रहे आक्रोशित ग्रामीण दीपक कुमार साह, अंबिका यादव, नागदिप यादव, चंदेश्वर प्रसाद, कृष्णा शर्मा, ईश्वर दयाल यादव, नंदकिशोर सिंह, देवी दयाल यादव, लक्ष्मण मिस्त्री, राम भजन दास, कन्हाई यादव, राजेश कुमार, रामा शंकर दास, विलास यादव, फौदार मिस्त्री, वीरेंद्र बैठा, लालन बैठा, विशुन दयाल यादव, जूदागिर यादव, भीम यादव, लालजी यादव, यशवंत कुमार, जय कुमार मेहता, सम्भु ठाकुर सहित दर्जनों लोगों का कहना था कि खाता नंबर 386 प्लॉट नंबर 2017 में लगभग 50 वर्षों से अधिक समय से मुस्लिम समुदायों का कब्रिस्तान आज तक कायम है।

वहीं खाता नंबर 386 प्लॉट नंबर 2055 में हिंदू लोगों का श्मशान घाट सैकड़ो वर्षो से है। लेकिन आरोप है कि गोह अंचलाधिकारी मुकेश कुमार ने रिश्वत लेकर हिंदू के श्मशान घाट पर खाता नंबर 386 एवं प्लॉट नंबर 2055 में एक मुस्लिम का शवं पुलिस के सहयोग से जबरन दफनवा दिया। उसके बाद से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है ग्रामीणों का कहना है कि प्लॉट नंबर 2017 में जब वर्षों से मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान बनाए हुए हैं तो हिन्दू के श्मशान घाट पर मुश्लिम का शव प्रसाशन के द्वारा डरा धमका कर क्यों दफनाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि रही बात नक्सा में कब्रिस्तान की चिन्ह की तो 2055 में बने हिन्दू के श्मशान पर जहां कबीरपंथी, साधु-महात्मा लोग के साथ साथ बच्चों को दफनाया जाता रहा है। ग्रामीणों की माने तो अगर इस मामले की जांच वरीय अधिकारियों से करवाने की मांग की हैं, अन्यथा उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

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क्या कहते है मुश्लिम :  इधर मोबिन खान, मोहिद खा, शमिम अहमद एवं असलम खां ने कहा कि हमलोग खाता नंबर 386 व प्लॉट नंबर 2017 में हम लोग कई दशकों से शव को दफनाते आ रहे हैं। लेकिन स्थानीय लोगों के द्वारा लगातार अतिक्रमण कर लिया गया जिसके कारण कब्रिस्तान सिकुड़ता गया। इसलिए हमलोग खतियान में वर्णित जगह पर घेराबंदी कराना चाहते है।

क्या कहते है सीओ : अंचल अधिकारी मुकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह सच है कि खाता नंबर 386 व प्लॉट नंबर 2017 में वर्षों से मुस्लिम लोग शव को दफनाते आ रहे हैं। उस प्लॉट में मजार भी बनी हुई है। लेकिन सरकारी प्रावधान के अनुसार जिस जगह पर कब्रिस्तान का भूमि हो उसी जगह पर कब्रिस्तान की घेराबंदी होनी चाहिए। इसको लेकर प्लॉट नंबर 2055 में घेराबंदी कराई जाएगी। ग्रामीणों का आरोप बेबुनियाद है।

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