क्राइम

ज़िला जज ने अधिवक्ता हत्यारोपियों को किया दोषी करार 

औरंगाबाद। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने सत्रवाद संख्या -168/21, दाउदनगर थाना कांड संख्या -141/20 में निर्णय पर दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सभी छह अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है।
लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि अभियुक्त देवेन्द्र महतों, ओमप्रकाश राजवंशी, नरेश राजवंशी पूर्व से ही जेल में बंद हैं। वहीं अभियुक्त मिथलेश कुमार, रास बिहारी महतों, राजेन्द्र महतो को आज बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया हैं।
सभी अभियुक्तों को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302/34, 323/34 एवं 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है। वहीं सज़ा के बिंदु पर सुनवाई के तिथि 13.01.23 निर्धारित किया गया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक दाउदनगर थाना क्षेत्र के भारतीय अयोध्या बिगहा मखरा निवासी सुर्येन्द कुमार ने घटना को लेकर 29.05.20 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें बताया था कि अभियुक्तों से जमीनी विवाद था जिसमें घटना के पूर्व अभियुक्तों ने जान से मारने की धमकी उनके पिता राजेंद्र प्रसाद को दी थी। उनके पिता पेशे से वकील थे। जो अनुमंडलीय विधि संघ दाउदनगर के पूर्व अध्यक्ष थे। उनके पिता घटना के दौरान पंचायत रोजगार सेवक के पद पर गोह प्रखंड के हिसामपुर में कार्यरत थे जिसमें हत्यारोपी 28.05.20 को रात्रि क़रीब 10 बजे आठ से दस की संख्या में हथियार के साथ घर के पिछे की दरवाजे से घुसे। पहले मां को लाठी-डंडों व धारदार हथियार से सर पर मार कर ज़ख्मी कर दिया। वहीं इसके बाद पिता को बेरहमी से मारपीट कर जख्मी कर दिया और उनके सीने में गोली मार दी। वहीं मौके पर कई राउंड फायरिंग करते हुए मौके से फरार हो गए। इसके बाद घायल दंपत्ति को दाउदनगर अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में पिता की मौत हो गई। वहीं मां का अस्पताल में इलाज करवाया गया। इधर, अभियोजन की ओर से आईओ मुकेश कुमार भगत, डाक्टर सुभाष सिंह समेत 12 लोगों की गवाही हुई। अधिवक्ता ने बताया कि ज़िला रजनीश कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में बड़ी संख्या में विभिन्न अपराधों मामलों का त्वरित सुनवाई हुई है।

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