औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले के सिरिस स्थित पुनपुन नदी में इन दिनों पिंडदान को लेकर पिंडदानियों का तांता लगा हुआ है। यहां न केवल देश बल्कि विभिन्न राज्यों से यथा अन्य देशों के लोग पिंडदान के लिए पहुंचते हैं। पुनपुन नदी में अपने पितरों का पिंडदान करने का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार यहां पिंडदान का प्रथम द्वार माना जाता हैं। यहां पिंडदान के उपरांत ही गया स्थित फल्गु नदी में पिंडदान को सम्पूर्ण माना जाता हैं।
ऐसे में विभिन्न जगहों से पहुंचे पिंडदानियों को सरकारी सुविधाओं के अभाव में काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें स्थानीय पितृ पक्ष मेला समिति के सदस्यों ने यथा आगंतुकों ने सरकार व ज़िला प्रशासन से उचित व्यवस्था की मांग की हैं।
इसके अलावा इस मामले में मध्य प्रदेश की उर्मिला दिवेदी, नरेंद्र प्रसाद मिश्रा, स्थानीय मुख्य पंडा सुरेश पाठक एवं राजेश पांडे ने बताया कि यहां पितृ पक्ष में पितरों को पिंडदान का विशेष महत्व है। लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह कार्य करने में हमें काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन मजबूरी में मान्यता को पूरा करना पड़ रहा है। यहां ना उचित बैठने, विश्राम, साफ-सफाई, पेयजल एवं विद्युत समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव हैं।
इन मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखकर सरकार और ज़िला प्रशासन को व्यवस्था के लिए आगे आनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग यहां आएं और अपने पितरों को पिंडदान करें। यदि इस पर ध्यान दिया जाए तो इससे जिला प्रशासन को राजस्व की भी प्राप्ति हो सकती हैं। मुख्य पंडा ने बताया कि असुविधाओं के अभाव में हम सभी को आगंतुकों से काफी कुछ भला बुरा सुनना पड़ता है।