डी.के यादव
गया। कोंच प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में यूरिया की कमी से किसान परेशान हैं। गांव के किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। समय पर यूरिया नहीं मिलने से फसल को नुकसान हो सकती है। मालूम हो कि किसानों ने इस वर्ष समय से पूर्व धनरोपनी कर अभी धान की खेत से घास पतवार की सफाई कर यूरिया का छिड़काव करना है। अच्छी बारिश से इस बार किसानों को आस जगी थी कि धान की फसल अच्छी होगी। मौसम ने भी भरपूर साथ दिया, लेकिन समय पर खाद नहीं मिलने से किसानों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिरता दिख रहा है। प्रखंड क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत से एक बार फिर किसानों की परेशानियां बढ़ गई है।अधिकांश किसान अपने खेतों में धान की निकौनी कर चुके हैं। समय से उन्हें खाद नहीं मिलने के कारण धान की उपज प्रभावित होने का चिंता सता रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों में मुकेश कुमार, ललन यादव,ओमप्रकाश यादव, जनार्दन यादव, महेश यादव, सुरेश यादव, विजय कुमार सिंह, संजय सिंह आदि ने कहा कि लगातर दो सालों से कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, साथ ही कर्ज के तले खेती की है। महाजन व साहूकारों का कर्ज अभी तक नहीं उतरा है। इस बार जिस तरह मौसम ने साथ दिया तो फसल की उपज अच्छी होती जिससे महाजनों का कर्ज टूटता लेकिन यूरिया की किल्लत से फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है। जिससे फिर कर्ज में दबे रहना होगा। किसान सुभाष यादव ने कहा एक तो सरकार ने दिनों दिन बीजो की कीमतों में वृद्धि कर रही है। कीमतों में लगातार वृद्धि होने के बावजूद भी यूरिया की कमी हो रही है। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। किसानों को धान की उपज प्रभावित होने का चिंता सता रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द यूरिया उपलब्ध कराया जाय जिससे धान की उपज प्रभावित नहीं हो और किसान इस परेशानी से उबर सके।