
मगध हेडलाइंस: विशेष। हमारी सरकार भले ही डिजिटल इंडिया का सपना लिए बैठी हो या युवा डिजिटल होने की ख्वाब देख रहे हो पर यह सिर्फ अब तक ख्वाब ही साबित हो रहा हैं जिसमें यह कहना कोई गलत नहीं होगा की सरकार की हवा-हवाई दावे और वादों से टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी बढ़ गई है। अर्थात सरकार की डिजिटल इंडिया की सपना, सपना ही रह जाएंगी। मोदी सरकार ने अपने भाषण में कई लोक लुभावन घोषणाएं की थी। लेकिन आज धरातल पर जनता को निराशा हाथ लगी है। इधर हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों ने ताबड़ तोड़ दाम बढ़ाए हैं, लेकीन सुविधा के नाम पर ग्राहकों को 2 G का सर्विस प्रदान किया जा रहा हैं। वहीं आम तौर पर हमारे यहां 30 दिनों का महिना होता है लेकीन इनके यहां 28 दिनों की होती है। आपको बता दें कि जिस प्रकार से टेलीकॉम कंपनियां द्वारा ग्राहकों को 4 G रिचार्ज के बदले 2 G का स्पीड दिया जा रहा हैं। इससे ग्राहकों को प्रतिदिन लाखों रुपए की चुना लगाएं जा रहे हैं। हालांकि अब तक सुधार के संबंध में ट्राई ने निजी टेलीकॉम कंपनियों को कई निर्देश जारी किए लेकीन बीएसएनएल को छोड़कर, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता हैं जिससे आलम यह है कि आज गांव-देहात की बात तो छोड़ ही दीजिए, शहरों की भी इंटरनेट स्पीड बद से बदतर है। वहीं स्पीड के नाम पर ग्राहक लूटे जा रहे हैं और ये दिन प्रतिदिन मालामाल हो रहे हैं।