औरंगाबाद। पेपर व समाचार के माध्यम से जिस प्रकार की खबरें हमें लगातार प्राप्त हो रहें हैं, उसमें श्रीलंका की काफ़ी भयावह स्थिति है। वैसे सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। यह उक्त बातें जिला पार्षद शंकर यादवेन्दु ने कहा है। आगे उन्होंने कहा कि इस बीच जो श्रीलंका में हिंसा भड़की है। उसके जिम्मेदार वहां के शिर्ष सत्ता संपन्न लोग है। उन लोगों ने ही समाज में यह हालात पैदा किया है। धर्म की लड़ाई खड़ा किया है। आज उसी का ख़ामियाजा ये लोग भुगत रहे हैं। ऐसे में कहीं उसका लू इधर भी ना आ जाएं। इस बात की चिंता देश के सत्ता संपन्न प्रमुखों को करना चाहिएं। धर्म को इंसानियत से उपर समझना ये कहीं से उचित नहीं है। यदि आज हम इन सारी बातों को लेकर सचेत नहीं होगें तो निश्चित रूप से हम उन्माद के शिकार होंगे। आज जो श्रीलंका में नेताओं के घर जलाएं जा रहें हैं। उसका कहीं न कहीं असर देश पर भी पड़ रहा है। ऐसे में देश के हुक्मरान को भी सोचने की ज़रूरत है। गरीबी और असामनता से मुक्त करने के लिए अहम काम करने की जरूरत हैं। देश के पूर्वजों ने हमें न सिर्फ आजाद देश दिया, बल्कि एक जिम्मेदारी भी सौंपी, जिसे आज पूरा करने का वक्त आ गया है।