क्राइम

दहेज हत्या में पति को उम्रकैद, सास-ससुर को दस साल की सज़ा

औरंगाबाद। दहेज हत्यारोपित पति, सास व ससुर को व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने खुदवा थाना कांड संख्या 26/20 जी आर 407/20 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए खुदवा थाना अंतर्गत पंचहरा निवासी मृतका रूपा देवी के पति विकास राजकुमार को भा.द.वी की धारा 304 बी में उम्रकैद एवं पचास हजार जुर्माना लगाया है। वहीं जुर्माना न देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास होगी।

इसके अलावा सास ठाकुरमनी देवी एवं ससुर कारू सिंह को 10-10 साल की सजा एवं 25-25 हज़ार रूपये जुर्माना लगाया गया है। वहीं जुर्माना न देने पर 4 माह अतिरिक्त कारावास होगी। बचाव पक्ष से अधिवक्ता योगेश पांडे एवं अशोक कुमार ने भाग लिया। इधर सास-ससुर को वयोवृद्ध होने के कारण कम सज़ा की मांग की गई थी। साथ ही पति को कम उम्र के कारण घर गृहस्थी देखरेख के लिए कम सज़ा देने की आग्रह की। जबकि स्वीकार नहीं की गई।

जबकि सूचक की ओर से अनील चोबे, योगेन्द्र प्रसाद योगी एवं दिलीप कुमार ने कहा कि यह जघन्य अपराध हैं। सभी आरोपी दया के पात्र नहीं हैं, क्योंकि निर्दयता से शादी के 6 माह के भीतर नव विवाहिता को गला दबाकर हत्या कर दिया गया। जज साहब द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध ऐसी सज़ा सुनाई जाएं जिसमें समाज में इस तरह के जघन्य कृत्य करने से लोग बचें। दोनों पक्षों के सुनने के पश्चात जिला जज ने फैसला सुनाया।

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि दाउदनगर थाना अंतर्गत खत्री टोला निवासी नवविवाहिता मृतका के पिता सुर्दशन प्रसाद ने प्राथमिकी दिनांक 03.06.20 को दर्ज़ कराया था। दहेज के लिए अपने दामाद, समधी व समधन पर अपनी पुत्री की हत्या का आरोपी बनाया था। घटना के वक्त आरोपी मृतका की शव को आंगन में ही छोड़ कर फरार हो गए थे।

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तीनों आरोपी को पुलिस ने छापामारी कर पौथु थाना अंतर्गत धनाही गांव से गिरफ्तार किया था। पति ने माता-पिता के साथ मिलकर दहेज के लिए अपनी पत्नी ( रूपा ) की गला दबाकर कर हत्या करने की बात स्वीकारी थी जिसमें प्रर्दश 9 साक्ष्य में अंकित किया गया था। अन्य साक्ष्यीयो, पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं

अनुसंधान के दौरान उपलब्ध साक्ष्य से भी घटना की पुष्टि की थी। सूचक सुदर्शन खत्री ने कहा कि थोड़ा देर से ही सही लेकिन आज हमारी बेटी को उचीत न्याय मिल गया। हमें न्यायालय पर पुरा भरोसा था की न्याय मिलेगा। हमें दो वर्ष के अंदर न्याय मिल गया हैं, आरोपियों को दिनांक 12.04.22 को दोषी ठहराया गया था।

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