औरंगाबाद। बिहार में पैक्स गोदामों के माध्यम से किसानों के धान अधिप्राप्ति को लेकर भले ही सरकार गंभीरता दिखा रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सरकार ने नवंबर महीने में ही धान अधिप्राप्ति के लिए सभी पैक्सों को निर्देश दिया है। लेकिन इसके बावजूद पैक्स अध्यक्ष मनमानी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। इसी सिलसिले में ज़िला पार्षद शंकर यादवेन्दू व राजद जिला प्रवक्ता डॉ. रमेश यादव ने बताया कि जिलें में धान अधिप्राप्ति नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं जबकि उनकी सुनने वाला कोई नहीं हैं। ऐसे में कई किसान पैक्स अध्यक्षों के मनमानी के कारण वे औने-पौने दाम पर बिचौलीए के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं। वहीं इसके अलावा कई किसानों के धान खेत या खलिहानों में पड़े हुए हैं। वह पैक्स या सहकारिता विभाग को धान बेचना चाहते हैं, लेकिन अभी तक धान क्रय की कार्रवाई ही शुरू नहीं की गई है। वहीं जिनका धान क्रम किया जा चुका है उन्हें एमएसपी का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। कहा कि सरकार किसानों से केवल झूठा वादा कर बरगला रही हैं। कहने के लिए सरकार द्वारा किसानों के लिए कई विकासात्मक कार्य किया जा रहा हैं लेकीन घरातल पर ऐसा कोई कार्य नहीं हैं जो जिसका उन्हें समुचित लाभ प्राप्त हो रहा है।
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