औरंगाबाद। स्वस्थ बच्चे देश का भविष्य हैं। बच्चों को स्वस्थ्य एवं कृमि मुक्त करने के लिए ही राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है। बच्चे अगर बीमारी से ग्रसित होंगे तो उनके मस्तिष्क का भी विकास नहीं होगा। यह बातें अनुग्रह मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक उदय कुमार सिंह कहा है। श्री सिंह ने कृमि मुक्ति दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संक्रमण एवं संक्रमित होना। यह सब सामान्य बात है। लेकिन इधर कुछ दशक से बच्चों की मानसिक विकास थोड़ी कमी है। यदि बच्चें संक्रमित होंगे तो उन्हें पढ़ने में रुचि कम होंगी। इन कृमियो से जैसे ही वे बच्चे मुक्त होंगे। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ लेंगे।
ऐमे में कृमि के संक्रमण से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास प्रभावित होता है। इस अभियान में शत प्रतिशत बच्चों को कृमि मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। कृमि मुक्ति से बच्चे का समुचित विकास होगा तभी राष्ट्र समृद्ध होगा। उन्होने कहा कि नंगे पांव धूल में खेलने एवं नाखून की गंदगी से कृमि के अंडे हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तथा आंत में जाकर तेजी से फैलते हैं जिसके कारण शारीरिक व मानसिक विकास रूक जाता है।