औरंगाबाद। हसपुरा थाना कांड संख्या 113/17 सेसन ट्राइल संख्या 188/21 में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे सातवें अरविन्द ने सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन अभियुक्त को धारा 302, 27 आर्मस एक्ट में दोषी करार दिया हैं। जानकारी देते हुए अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई की तिथि 26.11.21 निर्धारित किया गया हैं जिसमें एपीपी दवेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि गहना निवासी मृतक महेंद्र कुमार एवं अभियुक्त धर्मेन्द्र कुमार दोनों सहोदर भाई थे जिनके बीच जमीनी विवाद था। इसी क्रम में अभियुक्त ने अपने सहोदर भाई की पत्नी एवं पुत्र के सामने कचहरी चोराहा गांव में 31.05.17 को पेट में पिस्तौल से गोली मार कर जख्मी कर दिया था। इसके बाद रात्रि में इलाज के दौरान पीएमसीएच पटना में मृत्यु हो गयी। इधर घटना के समय से अभियुक्त जेल में बंद हैं। मामले में अभियुक्त की पटना हाईकोर्ट ने भी जमानत याचिका खारीज कर दिया था। श्री स्नेही ने कहा कि बचाव पक्ष से अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह ने भाग लिया। प्राथमिकी मृतक का पुत्र घटना का आई विटनेस कुन्दन कुमार ने अभियुक्त के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया था। दो आई विटनेस, आईओ एवं डॉक्टर सहित कुल दस गवाही हुई थी। न्यायाधीश ने रामायण प्रसंग के सहोदर भाई राम-लक्ष्मण एवं भरत का याद दिलाते हुए कहा कि सब कुछ जगत में मिल सकता है लेकिन सहोदर भाई नहीं मिल सकता हैं।
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