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बिहार शर्मशार, लालू के राज में गरीबों को मिले कई अधिकार, आज किये जा रहे हैं शोषण : यादवेन्दु

दुनिया को लोकतंत्र सिखाने वाले बिहार की शर्मनाक तस्वीर, वोट ना देने पर थूक चटवाया : यादवेन्दु 

औरंगाबाद। लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में गरीबों वंचितों व दलितों ने सामंतवादीयों व रसूखदारों को मुंह तोड़ जवाब देने का काम किया। लेकिन आज वहीं नीतीश कुमार के 16 सालों की शासन व्यवस्था में इन वर्गों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है। लगातार सोशल मीडिया एवं विभिन्न समाचार पत्रों में पढ़ने व देखने को मिल रहा है कि इनका आर्थिक सामाजिक एवं शारीरिक शोषण आखिर किस प्रकार से किया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार मुख दर्शक बन घटनाओं का मनोरंजन कर रही है। यह बात जिला पार्षद शंकर यादव ने कहा है। आगे उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अंबा थाना क्षेत्र के डुमरी पंचायत से मुखिया प्रत्याशी बलवंत कुमार सिंह ने मतदाताओं के साथ मारपीट के वारदात को अंजाम दिया है, वहीं उन्हें गाली देते हुए उठक-बैठक व इसके बाद थूक चटनवाने का काम किया है। यह मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना है। यह घटना इस बात का प्रमाण का हैं कि सत्ता संरक्षित इन सामंतवादियों एवं रसूखदारों की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जो मानवता के लिए खतरा है। हम ऐसे खतरों को कभी पनपने नहीं देंगे। लालू जी की शासन आज नही हैं तो क्या हुआ इन इन वर्गों के हित के लिए संघर्ष जारी है। उनके शासनकाल में यह वर्ग सुमंत वादियों को पलट कर जवाब देने लगे थे। अपना अधिकार मांगने लगे थे वही जरूरत पड़ने पर हथियार उठाया करते थे। कठिन परिस्थितियों के बाद देश को आजादी मिली थी। आजादी का उद्देश्य यह नहीं है कि इन वर्गों का सत्ता के हुक्मरान शोषण करें। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। वहीं शासन एवं प्रशासन से मुखिया प्रत्याशी को कठोर से कठोर सजा दी जाए ऐसी मांग करते हैं। कहा कि आज देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सत्ता के लिए देश को तोड़ा जा रहा है।

 

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