औरंगाबाद। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने दो महत्वपूर्ण सवाल उठाया हैं। उन्होंने कहा कि देश भर के विभिन्न जेलों में लाखों की संख्या में ऐसे बंदी है जिनके ऊपर जो मुकदमे हैं उन मुकदमों के आधार पर उनको जो अधिकतम सजा मिल सकती हैं, चाहे वह दो साल का हो या पांच साल या फिर सात साल का हो। उन मुकदमों की या तो सुनवाई नहीं हुई या फिर उसके फैसले नहीं आए। इसके अलावा सुनवाई भी हो गई तो उनको छुड़ाने वाला कोई नहीं है। उनका जमानतदार बनने के लिए कोई तैयार नहीं है। ऐसे लोग उनके विरूद्ध मुकदमा के निर्धारित सजा से अधिक दिनों से जेल में है।
वहीं उन्होंने अन्य मामले में कहा कि इस सर्वोच्च सदन के माध्यम से भारत सरकार से यह आग्रह है कि ऐसे लाखों की संख्या में जेलों में बंद बंदियों को भारत सरकार विभिन्न अवसरों पर चाहे वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती या पुण्यतिथि या किसी ऐसे विशेष अवसर पर ऐसे बंदियों को रिहा किया जाए। मेरा सरकार से आग्रह होगा कि देश भर से ऐसे कैदियों की सूची बना कर विशेष अवसरों पर क्रमवार तरीके रिहाई सुनिश्चित की जाए। सांसद लगातार देश भर के लोगों के हित से जुड़े महत्वपूर्ण मामले को सदन में उठाते रहते हैं और सदन के माध्यम से भारत सरकार को अवगत कराते रहते है।