औरंगाबाद। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति सहित भ्रटाचार के आरोप में नामित अन्य कर्मियों व पदाधिकारियों की बर्खास्तगी के साथ गिरफ्तारी एवं वित्तीय अराजकता की जांच सुनिश्चित कराने को लेकर विद्यार्थी परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल औरंगाबाद जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल से मुलाकात के दौरान तीन सूत्री मांग पत्र सौंपा हैं। साथ ही राज्यपाल से इन मामलों में तत्काल पहल का अनुरोध किया है। इस मौके पर प्रदेश कार्य समिति सदस्य आशिका सिंह ने कहा कि छापेमारी में कुलपति के आवास से करोड़ों रुपये, विदेशी मुद्रा एवं जेवरातों की बरामदगी हुई है। इसके बावजूद अभी तक मगध विश्वविद्यालय के कुलपति को पद से नहीं हटाया जाना आश्चर्यजनक है। उन्होंने शैक्षिक परिसर को कलंकित करने का काम किया है। इन्हें अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए। अन्यथा उन्हें पद पर बने रहने से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की प्रबल संभावना है, जिससे आगे जांच की दिशा और दशा प्रभावित हो सकती है। बिहार के कमोबेश हर विश्वविद्यालय में इस प्रकार की वित्तीय अराजकता एवं अनियमितता की आशंका को देखते हुए किसी निष्पक्ष एजेंसी से इसकी जांच होनी चाहिए। इस मौके पर पुष्कर अग्रवाल सहित कई अन्य उपस्थित थे।
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