
औरंगाबाद। शादी के चार माह बाद ही दहेज हत्या के आरोपी को औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई हैं। एडीजे नौ संजय कुमार झा ने नवीनगर थाना कांड संख्या – 307/18 में सज़ा बिन्दु पर सुनवाई करते हुए शिवपुर निवासी अभियुक्त पति मुकेश कुमार सिंह चंदवंशी को आजीवन कारावास एवं पचास हजार जुर्माना लगाया है। इस बात की जानकारी देते हुये अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त घटना के समय से ही जेल में बंद हैं, अभियुक्त को दहेज हत्या के मामले में 02-11-21 को दोषी करार दिया गया था। प्राथमिकी अनुसार 28-10-18 को अभियुक्त मुकेश कुमार सिंह चन्दवंशी के साथ पलामू जिले की हैदर नगर बरवाडीह निवासी सिंपी कुमारी की शादी हुई थी। लड़की के पिता वाद के सूचक ने बताया कि शादी के दो माह बाद ही दहेज के लिए मारपीट, बीस हजार नगद, बाइक की मांग शुरू हो गई। मायके से लड़की को रोसगद्दी कराकर पुनः लड़का ले गया। वहीं 28-11-18 को लड़का लड़की से खाना बनाते समय फोन पर बात करवाता है कि पति को काम पर जाने के लिए खाना बना रही हूँ। वहीं एक घंटे बाद फोन आता हैं कि लड़की चापाकल के पास गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गयी। वहीं 9 बजे सुबह पुनः फोन आता है कि आपकी लड़की अब नहीं रही। इसके बाद लड़की के वहां पहुंचकर देखता है कि लड़की की शव आंगन में पड़ी हुई है। मौत के कारण पुछने पर लड़का ने बताया चापाकल के पास गिरने से सर में गंभीर चोट आयी और उसकी मौत हो गयी। इधर सास- ससुर बताते हैं कि पेट में दर्द हुआ जिसके कारण उसकी मौत हो गयी। सूचक ने लड़की के नजदीक जाकर देखा कि गर्दन में लाल लंबा निशान हैं, जिससे सहज समझा जा सकता था की मौत किन्हीं अन्य कारणों से नहीं बल्कि गला दबाकर हत्या किया गया। सूचक महेन्द्र राम ने अपने दामाद एवं समधी जसवंत सिंह चन्दवंशी, समधीन हृदया देवी को धारा 304/34 में अभियुक्त बनाया। हालांकि आरोप पत्र में सास पर आरोप का समर्थन नहीं मिला। संक्षान पति और ससुर पर लिया गया। इस मामले में एपीपी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि गवाहों की गवाही और मेडिकल रिपोर्ट घटना के पक्ष में था। बचाव पक्ष से निवेदिता कुमारी ने भाग लिया था। 2019 में ससुर जसवंत सिंह चन्दवंशी का वाद अलग किया गया। वहीं काराधीन ससुर को भी दोषी ठहराते हुए सजा के बिन्दु पर 20-11-21 को तिथि निर्धारित किया गया है।
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