डॉ ओमप्रकाश कुमार
दाउदनगर (औरंगाबाद) दाउदनगर शहर के मौलाबाग स्थित लक्ष कोचिंग सेंटर में बाल दिवस के अवसर पर सीटेट की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के बीच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया सभी छात्र छात्राओं ने बाल दिवस पर प्रकाश डाला। लक्ष्य कोचिंग सेंटर के निदेशक डॉ ओम प्रकाश कुमार ने कहा की यह हर साल 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। देश में पहली बार साल 1959 में मनाया गया था। यह दिन बच्चों के लिए बेहस खास होता है। आसान शब्दों में कहें तो यह दिन बच्चों के लिए समर्पित होता है। विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों को बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अगाध स्नेह था। उनका कहना था कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं। चाचा नेहरू प्यार से बच्चों को गुलाब का फूल भी कहते थे। बच्चे भी उन्हें बेहद प्यार करते हैं। इसके लिए बच्चे भी उन्हें चाचा कहते हैं। चाचा नेहरू हमेशा कहते थे कि देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे की अहम भागीदारी के लिए बच्चों को शिक्षित होना जरूरी है। आइए, बाल दिवस का इतिहास और महत्व जानते हैं। कार्यक्रम का देखरेख शिक्षक सौरभ कुमार एवं हिमांशु दुबे ने किया। इस मौके पर गजाला अकबरी, फरहत नूर, हेवन्ती कुमारी, रीना कुमारी, सुषमा कुमारी, पल्लवी कुमारी, सोनी कुमारी, शाइस्ता परवीन, आरती, पूजा, सुमन, कविता, ललन कुमार, गीता कुमारी अर्चना, रंभा, प्रियंका, अंशु प्रिया, प्रभावती,ज्योति, अनीता, नीतू जयप्रकाश, मनोरमा अर्पणा आदि लोग उपस्थित थे।