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उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ महापर्व

औरंगाबाद। लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन गुरुवार की सुबह औरंगाबाद जिले के अलग-अलग हिस्सों में हजारों – लाखों की संख्या में व्रती और उनके परिजन अपने घरों से पूजा सामग्रियों के साथ घाटों पर पहुंचे और घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से छठी मैय्या को साक्षी मानते हुए नदी, तालाबों, नहरों एवं जलाश्यों पर बने घाटों में व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अर्घ्‍य दिया एवं छठी मैया की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न हो गया।

इस दौरान विभिन्न छठ घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त सुविधाओं का इंतजाम किये गये थे। ताकि छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो। हालांकि जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए छठ पूजा की इजाजत दी थी। मान्यता है कि छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। छठी मैया संतानों की रक्षा कर दीर्घायु प्रदान करती हैं। पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए ये पर्व मनाया जाता है। खासकर इस व्रत को संतानों के लिए रखा जाता है।

 

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