डी.के यादव
गया। आनंद विहार रेलवे यार्ड के पास ट्रेन की चपेट में आने से दो रेलवे पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। दोनों रात के समय ट्रैक पर पेट्रोलिंग के लिए गए थे। इसी दौरान पीछे से आ रही देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस की चपेट आने से दोनों पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। ट्रेन के गुजर जाने के बाद दूसरे पुलिसकर्मियों ने हादसे की जानकारी आनंद विहार रेलवे थाना पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची रेलवे थाना पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल, पुलिस मामले में संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन कर रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक पुलिस कर्मियों में 58 वर्षीय हेडकांस्टेबल कैलाश चंद और 28 वर्षीय कांस्टेबल रंजन कुमार शामिल हैं। कैलाश चंद अपने परिवार के साथ गाजियाबाद में रहते थे और 2016 से आनंद विहार आरपीएफ में तैनात थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश बुलंदशहर के रहने वाले थे। जबकि, रंजन कुमार आनंद विहार रेलवे स्टेशन के बैरक में रहते थे। वह मूलत: जिला गया के आंती गांव बिहार के रहने वाले थे। उनकी शादी नहीं हुई थी और वह पिछले दो साल से रेलवे की 10वीं बटालियन आरपीएसएफ में तैनात थे। दोनों की ड्यूटी रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर लगी हुई थी। बुधवार रात दोनों पेट्रोलिंग के लिए एक साथ निकले थे। दोनों आनंद विहार से चंद्र विहार रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे। इसी दौरान कड़कड़डूमा नाले पर रेलवे यार्ड के पास नई दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जा रही देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में दोनों पुलिसकर्मी आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद पुलिस ने देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के चालक मलखान सिंह से पूछताछ की। उन्होंने अपने बयान में बताया कि वह अप लाइन से गाजियाबाद की ओर जाने वाली डाउन ट्रैक पर थे। इसी दौरान दूसरे ट्रैक पर आ रही ट्रेन को देखकर दोनों पुलिसकमियों को फ्लैश लाइट से इशारा दिया गया और हॉर्न भी बजाया गया। लेकिन दोनों पुलिसकर्मी तेज गति से आ रही देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस को नहीं देख पाए जिसके चलते वह उसकी चपेट में आ गए और हादसा हो गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलिंग के दौरान जब दोनों कड़कड़डूमा नाले के पास पहुंचे तो एक ट्रैक पर ट्रेन आ गई। ऐसे में दोनों दूसरे ट्रैक पर चले गए। इस ट्रैक पर देहरादून शताब्दी ट्रेन आ गई। पीछे से आ रही ट्रेन को दोनों पुलिसकर्मी देख नहीं पाएं। दोनों ट्रेनों का शोर तेज होने के चलते पुलिसकर्मी पीछे से ट्रेन के चालक द्वारा दिया जा रहे हॉर्न की आवाज को भी नहीं सुन पाए और तेज रफ्तार होने के चलते देहरादून शताब्दी की चपेट में आ गए। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे की सूचना के बाद जब रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची तो एक पुलिसकर्मी का शव क्षत-विक्षत हालत में ट्रैक पर पड़ा हुआ था। जबकि दूसरे जवान के शव का आधा हिस्सा ट्रैक पर और आधा हिस्सा नाले में गिरा हुआ था। पुलिस टीम ने नाले में टीम को भेज कर शव के आधे हिस्से को ऊपर मंगवाया गया और फिर जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए मॉर्चरी भेज दिया गया।