मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। बिहार सरकार के पुर्व मंत्री रामविलास बाबू की प्रतिमा के साथ राजनीति कही से उचित नहीं है, इस पर राजनीति समाज में जातिगत भेदभाव को उजागर करता है। पूर्व मंत्री ने हमेशा दलितों और वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी प्रतिमा का अपमान असहनीय है। यह बात दाउदनगर में एक बैठक के दौरान जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश यादव ने कही। दरअसल छह नवंबर को रामबिलास बाबू की प्रतिमा शहर के दानी बिगहा बस स्टैंड में लगाई गई थी लेकिन राजनीति के तहत रामबिलास बाबू की प्रतिमा सात नंबर की अहले सुबह उस जगह से हटाकर नगर थाना में रखवाया गया है। इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष शैलेश यादव के अलावा जिला पार्षद अरविंद यादव, प्रतिनिधि राजा यादव, श्याम सुंदर, मुखिया नागेंद्र सिंह, अजीत यादव सहित कई अन्य लोगों ने सर्वसम्मति से पूर्व मंत्री के प्रतिमा शहर के दानी बिगहा बस स्टैंड में स्थापित करने पर जोर दिया। इस बैठक में शैलेश यादव ने कहा कि दानी बिगहा बस स्टैंड की ज़मीन जिला परिषद की हैं, इसमें कहीं से कोई विवाद नहीं है। जिला परिषद के अन्य सदस्यों के साथ बैठक कर जल्द ही प्रतिमा लगाया जायेगा। रामबिलास बाबू की प्रतिमा दानी बिगहा बस स्टैंड में लगाने के लिए बीते 07 जनवरी 2023 को सभी जिला पार्षदों की सर्व सम्मति से एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इधर फाइल जिला पदाधिकारी के पास है। उन्होंने कहा कि नगर थाना से प्रतिमा जल्द मुक्त करवा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिमाएं प्रेरणा देती हैं। वे इतिहास को चित्रित करती हैं, और वे उपलब्धियों की कहानियाँ व्यक्त करती हैं जो पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।
जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने कहा कि रामविलास बाबू का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल्द ही रामबिलास बाबू की प्रतिमा लगेंगी। आगे यह सुनिश्चित करना होगा कि कैसे रामबिलास बाबू की प्रतिमाओं के सम्मान की रक्षा की जाए। उनकी देखरेख की भी पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। सुरक्षा और देखरेख की जिम्मेदारी किसकी होगी, यह प्रतिमा लगाते समय ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस बैठक में सर्व सम्मति से संजीत यादव को यादव महासभा का जिला प्रवक्ता बनाया गया है। इस मौके पर संजीत यादव ने कहा कि समाज में आज जिस तरह से नैतिकता का पतन हो रहा है, जीवन मूल्यों का अवमूल्यन हो रहा है, नई पीढ़ी में दिशाहीनता और भटकाव की स्थितियां दिखाई दे रही हैं, सांस्कृतिक मान्यताओं और परंपराओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए महापुरुषों के विचारों एवं आदर्शो का प्रचार प्रसार करना होगा, तभी समाज सही दिशा में आगे बढ़ पाएगा।