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एक सप्ताह के अंदर पूर्व मंत्री का नहीं लगा प्रतिमा तो चरणबद्ध होगा आंदोलन, जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि को मिला दो दिनों का अल्टीमेटम 

मगध हेडलाइंस: दाऊदनगर (औरंगाबाद ) शहर के दानी बिगहा से रात के अंधेरे में प्रखर समाजवादी नेता व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामबिलास सिंह यादव की प्रतिमा हटाए जाने की विवाद को लेकर यादव महासभा के सदस्यों में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। दाउदनगर स्थित रविवार को इस संबध में एक बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रामबिलास बाबू की प्रतिमा एक सप्ताह के अंदर पुनः स्थापित नहीं किया गया तो प्रतिमा हटवाने की प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ दाउदनगर अनुमंडल से लेकर जिला मुख्यालय औरंगाबाद तक चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि जिला मुख्यालय में अवैध रूप से लगे तमाम प्रतिमाओं की जांच हो। इस संबध में जिला प्रशासन को आवेदन समर्पित किया जाएगा।

बैठक में कांग्रेस नेता रामप्रवेश सिंह एवं शिक्षक उदय सिंह ने इस मामले में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि से दो दिनों के अंदर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। जिला परिषद सदस्य अनिल यादव ने बताया कि साल 2017 से ही दानी बिगहा बस स्टैंड में रामविलास बाबू की प्रतिमा लगाने का प्रयास किया जा रहा हैं। लेकिन अभी तक कुछ लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में बाधित करने का ही प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि से कई बार बात की गई और यथा शीघ्र प्रतिमा स्थापित करने पर जोर दिया गया लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिला परिषद की एक विशेष बैठक में 07.01.2023 को प्रताव पारित किया गया जिसमें तय हुआ कि जल्द ही प्रतिमा स्थापित की जाएंगी, लेकिन लंबे समय के बावजूद प्रतिमा स्थापित न होने पर हमलोगों ने उचित समय का निर्धारण कर बीते दिनों दानी बिगहा बस स्टैंड में बने फाउंडेशन पर प्रतिमा स्थापित किया। लेकिन इसके बाद गहरे साज़िश के तहत जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि और उप विकास आयुक्त के द्वारा ठिकेदार पर दबाव बनाकर प्रतिमा उस जगह से हटाकर रात की अंधेरे में नगर थाना में रखवा दिया गया। जो यह बड़े शर्म की बात है।

इस दौरान यादव महासभा के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा समाज को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। जो यह कही से उचित नहीं है। रामबिलास बाबू किसी व्यक्ति विशेष के नहीं हैं बल्कि वे दबे कुचले, शोषित और पिछड़े समाज के धरोहर हैं। उनकी प्रतिमा हर हाल में यथास्थान पर लगनी चाहिए। राजद नेता डॉ रमेश यादव ने कहा कि जिस रामविलास बाबू के बिना संयुक्त बिहार-झारखंड में सरकार की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उस रामविलास बाबू का मूर्ति आज थाना में रखा गया है। यह सब जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि के इशारे पर किया गया है। उन्होंने ऐसा कृत्य करके समाज का अपमान किया है , समाज सब देख रहा है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मुखिया रामदेव सिंह ने बताया कि स्व. रामविलास बाबू न सिर्फ औरंगाबाद बल्कि संयुक्त बिहार – झारखंड के बड़े समाजवादी नेता थे। उन्होंने जीते जी जात की राजनीति नहीं की, बल्कि जमात की राजनीत की। आज उन्हीं का देन है कि दाउदनगर अनुमंडल बना है। इसलिए उनका ये अपमान समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। हसौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र यादव ने कहा कि यहां नेतृत्व की लड़ाई नहीं है, कोई नेतृत्व करें सिर्फ मूर्ति लगनी चाहिए। घटराईन पंचायत के मुखिया संजय यादव ने कहा कि जिला मुख्यालय पर कोई भी प्रतिमा आधिकारिक रूप से अनुमति लेकर नहीं लगाई गई है। अगर रामविलास बाबू की मूर्ति नहीं लगेगी तो वह अन्य मूर्तियों को भी हटवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि समाजवाद के प्रणेता रामविलास बाबू सदा प्रेरणास्रोत रहेंगे।

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बैठक में ओबरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुजीत कुमार उर्फ चुन्नू यादव, पूर्व मुखिया रामदेव सिंह, राजद बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संजय यादव, राजद नेता अजय यादव, शिक्षक नेता बसंत यादव, केशव उच्च विद्यालय बारुण के शिक्षक अंबुज कुमार, शिक्षक उदय यादव, जितेंद्र यादव, विनय सिंह, संतोष कुमार यादव, प्रधानाध्यापक श्रीनिवास मंडल, ब्रजकिशोर मंडल, विनायक, छोटू कुमार, दिलीप कुमार गुडू अहीर समेत अन्य ने अपनी बाते रखी और प्रतिमा स्थापित करने पर जोर दिया।

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